कोरोना संकट के बीच देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 27.11 प्रतिशत पहुंची: CMIE

May 6, 2020, 12:30 IST

मार्च महीने के मुकाबले अप्रैल में बेरोजगारी दर में तेज बढ़ोतरी हुई थी. सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन का घोषणा किया.

Unemployment rate soars to 27 percent amid COVID 19 pandemic in Hindi
Unemployment rate soars to 27 percent amid COVID 19 pandemic in Hindi

कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण देश में लगे लॉकडाउन की वजह से बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी आया है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) ने देश में बेरोजगारी पर सर्वे रिपोर्ट जारी किया है. इस सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक तीन मई को समाप्त हुए सप्ताह में देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 27.1 प्रतिशत पर पहुंच गई है.

इससे पहले जारी सर्वे रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2020 में देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 23.5 प्रतिशत पर पहुंच गई थी. केवल अप्रैल महीने में बेरोजगारी दर में 14.8 प्रतिशत का बढ़ोतरी हुआ था. मार्च महीने के मुकाबले अप्रैल में बेरोजगारी दर में तेज बढ़ोतरी हुई थी. सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन का घोषणा किया.

बेरोजगारी की दर शहरी क्षेत्रों में सबसे अधिक

अप्रैल के महीने में लगभग नौ करोड़ लोगों को अपना रोजगार गंवाना पड़ा. मार्च मध्य में इस महामारी के तेजी पकड़ने के समय यह दर सात प्रतिशत से कम थी. मुंबई स्थित थिंक टैंक ने कहा कि बेरोजगारी की दर शहरी क्षेत्रों में सबसे अधिक 29.22 प्रतिशत रही, जहां कोविड-19 संक्रमण के सबसे आधिक प्रभावित इलाकों ‘ रेड जोन’ की संख्या सबसे अधिक है. ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर 26.69 प्रतिशत थी.

बेरोजगारी आगे और बढ़ सकती है

कोरोना की वजह से भारत सहित विश्वभर की अर्थव्यवस्था ठप पड़ गई है. भारत में लगभग 40 दिनों के दो चरणों के लॉकडाउन में तो उद्योग-धंधे पूरी तरह से बंद रहे. ऐसे में रोजगार मिलने की आशा नहीं की जा सकती. बड़े शहरों से हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर वापस जा रहे हैं. भारत में कोरोना के प्रकोप से ही बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है और 25 मार्च को लगे लॉकडाउन के बाद इसमें बेतहाशा बढ़त हुई है. सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक हालांकि पूरे मार्च महीने के दौरान बेरोजगारी दर केवल 8.74 प्रतिशत थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद 29 मार्च को समाप्त हफ्ते के दौरान यह 23.81 प्रतिशत तक पहुंच गई.

राज्यों में गरीबी दर

• आंकड़ों के अनुसार अप्रैल के अंत में पुदुचेरी में सबसे अधिक 75.8 प्रतिशत बेरोजगारी थी. इसके बाद तमिलनाडु में 49.8 प्रतिशत, झारखंड में 47.1 प्रतिशत और बिहार में 46.6 प्रतिशत बेरोजगारी थी.

• सीएमआईई के अनुसार महाराष्ट्र में बेरोजगारी दर 20.9 प्रतिशत थी, जबकि हरियाणा में 43.2 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 21.5 प्रतिशत और कर्नाटक में 29.8 प्रतिशत थी.

• सीएमआईई के अनुसार पर्वतीय राज्यों में बेरोजगारी की दर काफी कम रही है. हिमाचल प्रदेश में यह दर 2.2 प्रतिशत, सिक्किम में 2.3 प्रतिशत और उत्तराखंड में 6.5 प्रतिशत रही.

सीएमआईई के अनुमान के मुताबिक अप्रैल में दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों और छोटे व्यवसायी सबसे ज्यादा बेरोजगार हुए हैं. सर्वे के मुताबिक 12 करोड़ से ज्यादा लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी है. इनमें फेरीवाले, सड़क के किनारे सामान बेचने वाले, निर्माण उद्योग में काम करने वाले कर्मचारी और कई लोग हैं जो रिक्शा को ठेला चलकर गुजारा करते थे. सीएमआईई के अनुसार लॉकडाउन बढ़ने से बेरोजगार लोगों की संख्या और बढ़ सकती है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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