केंद्र सरकार ने कृषि ऋण का समय से भुगतान करने वालों किसानों को ब्याज में तीन प्रतिशत की छूट और दो प्रतिशत की सब्सिडी देने का फैसला किया है. यह निर्णय किसानों को राहत देने के उद्देश्य से मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में लिया गया.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की. जिसमे वर्ष 2017-18 की ब्याज सहायता योजना को मंजूरी प्रदान की गई. इस योजना का लाभ उन किसानों को ही मिलेगा जो एक साल में कर्ज चुकाएंगे.
प्रमुख तथ्य-
- केंद्र सरकार की नीतियों के अनुसार कृषि ऋण पर अब तक नौ प्रतिशत की दर से ब्याज लिया जाता है.
- अब सरकार किसानों को चार प्रतिशत ब्याज की दर से कृषि ऋण प्रदान करेगी.
- केंद्र सरकार ने किसानों के हित में ब्याज पर पांच प्रतिशत की हिस्सेदारी खुद अपने जिम्मे ली है.
- इस योजना में सरकार करीब 19000 करोड़ रुपए खर्च करेगी.
- केंद्र सरकार अधिकतम 3 लाख रुपए तक के लोन पर किसानों को 5 फीसदी की छूट प्रदान करेगी.
पहले महाराष्ट्र उसके बाद मध्य प्रदेश में हुए किसान आंदोलन के बाद से किसानों के कर्जमाफी की मांग एक बार फिर तेज हो गई. मध्य प्रदेश में आंदोलन उग्र होने पर पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी जिसमें 6 किसानों की मौत हो गई. इस कारण राज्य के 9 जिले कई दिनों तक हिंसा की चपेट में रहे.
दरअसल यूपी विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने सरकार बनने के बाद किसानों की कर्जमाफी का एलान किया था. जिसके बाद सीएम योगी ने अपनी पहली कैबिनेट में किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला किया. इसी के बाद से देश के अन्य राज्यों में किसान आंदोलन कर कर्जमाफी की मांग करने लगे.
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