केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 07 फरवरी 2018 को पहले से खोजे जा चुके छोटे तेल एवं गैस क्षेत्रों के दूसरे चरण की बोली प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दे दी.
इनमें से 22 क्षेत्र तेल और प्राकृतिक गैस आयोग (ओएनजीसी) लिमिटेड के 5 ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) के तथा 12 नयी खोज तथा लाइसेंसिंग नीति (एनईएलपी) ब्लॉकों से 12 छोडे गये क्षेत्र हैं.
इसके अतिरिक्त 21 क्षेत्र छोटे तेल एवं गैस क्षेत्रों के पहले चरण की बोली में शेष हैं, जिसकी पेशकश की गई थी लेकिन निवेशक की ओर से पर्याप्त रूचि नहीं दिखाने के कारण ठेका नहीं दिया गया था.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खोजे गये छोटे क्षेत्र नीति को 14 अक्टूबर 2015 को अधिसूचित किया था.
60 गैर-मौद्रिकृत खोजों की मुख्य विशेषताएं:
- इन खोजों में अनुमान किया गया है कि 194.65 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) तेल तथा उसके बराबर गैस होगी.
- इन तेल क्षेत्रों को तेजी से विकसित और मौद्रिकृत किया जाएगा जिससे तेल और गैस उत्पादन में मजबूती आयेगी और परिणामस्वरूप देश की ऊर्जा सुरक्षा बढेगी.
- उम्मीद की जाती है कि इन तेल क्षेत्रों में निवेश से 28,000 से अधिक प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष और लाभकारी रोजगार का सृजन होगा.
- पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस सचिव, सचिव (व्यय) तथा विधि सचिव वाली अधिकारसम्पन्न सचिवों की समिति आदर्श राजस्व हिस्सेदारी ठेका,प्रस्ताव आमंत्रण नोटिस (एनआईओ) तथा खोजे गये छोटे तेल एवं गैस क्षेत्रों के दूसरे चरण की बोली के दस्तावेजों को अंतिम रूप देगी और स्वीकृति करेगी.
- ठेका प्रदान करने की स्वीकृति ईसीएस की सिफारिशों के आधार पर पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्री और वित्त मंत्री द्वारा दी जाएगी.
इस नीति का विस्तार भविष्य की बोली राउंड के लिए किया गया है.
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