केंद्र सरकार ने 02 सितंबर 2020 को सिविल सेवाओं में कार्मिकों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम (NPCSCB) ‘मिशन कर्मयोगी’ को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा कैबिनेट के फैसलों पर मीडिया ब्रीफिंग के दौरान यह घोषणा की गई. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के अनुसार, यह मिशन अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों को उनके क्षमता निर्माण का एक मौका प्रदान करेगा.
इस मिशन का उद्देश्य ऐसे लोक सेवक तैयार करना है, जो अधिक रचनात्मक, चिंतनशील, नवाचारी, व्यावसायिक और प्रौद्योगिकी-सक्षम हों. इस मिशन के तहत नियुक्ति के बाद सिविल अधिकारियों समेत अन्य सरकारी कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें खास ट्रेनिंग दी जाएगी. मिशन कर्मयोगी सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है. यह सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण की नींव रखता है ताकि वे दुनिया भर में सर्वोत्तम प्रथाओं से सीख लेते हुए भारतीय संस्कृति में उलझे रहें.
Cabinet approves #MissionKarmayogi - National Programme for Civil Services Capacity Building to lay the foundation for capacity building for Civil Servants so they remain entrenched in Indian culture while they learn from best practices across the world: Govt of India
— ANI (@ANI) September 2, 2020
मिशन कर्मयोगी क्या है?
कर्मयोगी मिशन योजना सरकार की ओर से अधिकारियों की क्षमता को बढ़ाने की सबसे बड़ी योजना है. मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य व्यक्तिगत सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण के साथ-साथ संस्थागत क्षमता निर्माण पर ध्यान देना है. मिशन 'कर्मयोगी' के जरिए सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपना प्रदर्शन बेहतर करने का मौका मिलेगा. मिशन कर्मयोगी के तहत सिविल सेवा क्षमता निर्माण योजनाओं को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक परिषद को मंजूरी दी गई. मुख्यमंत्री इस परिषद के सदस्य होंगे.
मिशन कर्मयोगी के तहत सिविल सेवा अधिकारियों को क्रिएटिव, कल्पनाशील, इनोवेटिव, प्रो-एक्टिव, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और तकनीकी तौर पर दक्ष बनाकर भविष्य के लिए तैयार किया जाएगा. इस योजना का प्रमुख लक्ष्य अधिकारियों की स्किल बढ़ाना है. राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी) के तहत इस मिशन को शुरू किया गया है.
A civil servant should be imaginative & innovative, proactive & polite, professional & progressive, energetic & enabling, transparent & tech-enabled, constructive & creative in order to meet the challenges of the society - C. Chandramouli, Secretary, @DoPTGoI #MissionKarmayogi pic.twitter.com/c4tCP9LW1C
— PIB India (@PIB_India) September 2, 2020
प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नौकरशाही में व्यापक सुधार के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम ‘मिशन कर्मयोगी' को मंजूरी प्रदान किए जाने से सरकार में मानव संसाधन प्रबंधन की पद्धतियों में मूलभूत सुधार आएगा. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सिविल सर्विस क्षमता निर्माण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम- ‘मिशन कर्मयोगी' सरकार में मानव संसाधन प्रबंधन कार्य प्रणाली में मौलिक सुधार करेगा.
इस मिशन का उद्देश्य
मिशन कर्मयोगी का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता और प्रौद्योगिकी के माध्यम से भविष्य के लिए सरकारी कर्मचारियों को अधिक सृजनात्मक, रचनात्मक और नवोन्मेषी बनाना है. इस मिशन का उद्देश्य ऐसे लोक सेवक तैयार करना है, जो अधिक रचनात्मक, चिंतनशील, नवाचारी, व्यावसायिक और प्रौद्योगिकी-सक्षम हों.
मिशन कर्मयोगी की निगरानी
मिशन कर्मयोगी की निगरानी एवं मुल्यांकन चार चरणों में होगा.
पहला-सबसे पहले प्रधानमंत्री का डैशबोर्ड- विभागों के लए वार्षिक स्कोर कार्ड एवं रैंकिंग के साथ केपीआई क्षमता विकास की वास्तविक सूचना के आधार पर.
दूसरा-इसके बाद क्षमता विकास योजना के तहत लक्ष्य निर्धारण प्रत्येक विभागों द्वारा प्रस्तुत की गई वार्षिक योजनाओं का राष्ट्रीय आकांक्षाओं के साथ संरेखण.
तीसरा-सिविल सेवाओं की स्थिति पर वार्षिक रिपोर्ट यानी राष्ट्रीय प्रगति में उपलब्धियों और योगदान को ध्यान रखते हुए एक वर्ष में सिविल सेवाओं का समेकित प्रदर्शन.
चौथा- निष्पक्ष लेकापरीक्षा यानी क्षमता विकास आयोग द्वारा नियमित लेखा परीक्षा और गुणवत्ता आश्वासन के अतिरिक्त इस कार्यक्रम की तीसरा पक्ष द्वारा लेखापरीक्षा.
कहीं भी बैठकर ट्रेनिंग ले सकते हैं
मिशन कर्मयोगी के तहत ट्रेनिंग का एक नया प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा. नए डिजिटल प्लेफॉर्म से अब सिविल सर्विस अधिकारी कहीं भी बैठकर ट्रेनिंग ले सकते हैं. वे अपने मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट पर ट्रेनिंग ले सकते हैं. अधिकारियों की दक्षता बढ़ाना इस मिशन का मकसद होगा. केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बाद यह योजना लाई गई है. इससे कर्मचारियों के व्यक्तिनिष्ठ मूल्यांकन को समाप्त करने में मदद करेगा.
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