केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विश्व बैंक से सहायता प्राप्त STARS परियोजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दी है. यह परियोजना शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रत्यक्ष संबंधों के साथ हस्तक्षेपों को लागू करने, विकासित करने, मूल्यांकन और सुधार करने में राज्यों का समर्थन करना चाहती है. STARS का उद्देश्य राज्यों के लिए टीचिंग-लर्निंग और परिणाम को मजबूत बनाना है.
इस परियोजना की कुल लागत लगभग 5,718 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जिसमें से विश्व बैंक से प्राप्त वित्तीय सहायता 500 मिलियन अमरीकी डालर (लगभग 3700 करोड़ रुपये) होगी. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद हुई प्रेस वार्ता के दौरान यह जानकारी दी है.
इस परियोजना में छह राज्य - राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और केरल - शामिल होंगे. यह मील का पत्थर साबित होगी और इस परियोजना के माध्यम से नई शिक्षा नीति की शुरुआत होने की उम्मीद है.
मुख्य विशेषताएं
इस STARS परियोजना के तहत, हमारे देश में पहचाने गए छह राज्यों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से विभिन्न हस्तक्षेपों के लिए सहायता प्रदान की जाएगी.
इस परियोजना का मुख्य केंद्र और उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप गुणवत्ता आधारित शिक्षण परिणाम हासिल करना है.
यह परियोजना चयनित राज्यों में भारतीय स्कूल शिक्षा प्रणाली में समग्र निगरानी और माप गतिविधियों में हस्तक्षेप के माध्यम से सुधार कर रही है.
यह परियोजना वास्तविक परिणामों को हासिल करने के लिए निधियों की प्राप्ति और संवितरण को इन परिणामों से जोड़कर इनपुट के प्रावधान और इन परिणामों को कायम रखने से ध्यान हटाएगी.
इस परियोजना को शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के तहत एक नई केंद्र प्रायोजित योजना के तौर पर लागू किया जाएगा.
STARS परियोजना के दो प्रमुख भागों में ये भी शामिल हैं
- यह परियोजना में राष्ट्रीय स्तर पर निम्नलिखित हस्तक्षेप की परिकल्पना की गई है:
छात्रों की रिटेंशन, ट्रांजीशन और कम्पलीशन रेस्ट्स के बारे में सटीक और प्रामाणिक डाटा हासिल करने के लिए शिक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय डाटा सिस्टम को मजबूत बनाना.
राज्यों के पीजीआई स्कोर को बेहतर बनाने में सहायता प्रदान करना.
अधिगम मूल्यांकन प्रणाली की मजबूती के लिए समर्थन करना.
राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र (PARAKH) की स्थापना के लिए शिक्षा मंत्रालय के प्रयासों का समर्थन करना.
STARS परियोजना में एक आकस्मिक आपातकालीन प्रतिक्रिया घटक (CERC) भी शामिल होगा, जो किसी भी प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा या स्वास्थ्य आपातकाल के मामले में अधिक उत्तरदायी होगा. इससे सरकार को ऐसी विभिन्न परिस्थितियों जैसेकि, स्कूल बंद/ बुनियादी ढांचे की क्षति, अपर्याप्त सुविधाएं की प्रतिक्रिया में मदद मिलेगी जिनसे सीखने की क्षति होती है और इसके साथ ही दूरस्थ शिक्षा की सुविधा के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए यह योजना उपयोगी साबित होगी.
2) यह परियोजना राज्य स्तर पर निम्नलिखित हस्तक्षेप की परिकल्पना करती है:
छोटे बच्चों की शिक्षा और मूलभूत शिक्षा को मजबूत करना
अधिगम मूल्यांकन प्रणालियों में सुधार
शिक्षक विकास और स्कूल नेतृत्व के माध्यम से कक्षा निर्देश और सुधार उपायों को मजबूत करना
स्कूली बच्चों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए, करियर गाइडेंस और परामर्श, इंटर्नशिप और कवरेज के माध्यम से स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा को मजबूत बनाना.
प्रमुख उद्देश्य
इस परियोजना के कुछ लक्षित उद्देश्यों में निम्नलिखित को हासिल करना शामिल है:
ग्रेड 3 भाषा में न्यूनतम प्रवीणता प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि
माध्यमिक विद्यालय पूर्णता दर में सुधार
गवर्नेंस इंडेक्स स्कोर में सुधार
अधिगम मूल्यांकन प्रणाली (लर्निंग असेसमेंट सिस्टम्स) को सुदृढ़ बनाना
राज्यों के बीच क्रॉस-लर्निंग की सुविधा के लिए साझेदारी विकसित करना
राज्य स्तरीय सेवा वितरण में सुधार
पृष्ठभूमि
केंद्र सरकार पांच राज्यों - गुजरात, तमिलनाडु, उत्तराखंड, झारखंड और असम में एक समान ADB से आर्थिक सहायता प्राप्त परियोजना को लागू करने पर भी विचार कर रही है.
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