सरकार ने 17 मई 2016 को बंधुआ मजदूर पुनर्वास योजना में संशोधन किया है. संशोधित योजना में वित्तीय सहायता राशि को 20,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये और वार्षिक बजट को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 47 करोड़ रुपये किया जाएगा.
- नकद सहायता को विशेष मामलों में बढ़ाकर 2 लाख रुपये और नितान्त अभाव के मामलों में बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया गया है.
- इस योजना में संशोधन करने के तुरंत बाद कारगर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 1976 के नियमों में संशोधन किया जायेगा.
- इस योजना में बजट प्रावधान को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर तकरीबन 47 करोड़ रुपये प्रति वर्ष करने का प्रस्ताव है.
- श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री बंडारू दत्तात्रेय के अनुसार प्रस्तावित योजना की घोषणा की.
- संशोधन के अनुसार सर्वाधिक वंचित, हाशिए पर पड़े व्यक्ति जैसे कि दिव्यांगों, तस्करी एवं यौन शोषण से मुक्त कराई गई महिलाओं एवं बच्चों और ट्रांसजेंडर को 3 लाख रुपये दिए जाएंगे.
- दूसरे स्थान पर आने वाली महिलाओं एवं नाबालिगों की विशेष श्रेणी को अब 2 लाख रुपये दिए जाएंगे.
- सामान्य वयस्क पुरुष बंधुआ मजदूर को 1 लाख रुपये दिए जाएंगे.
- नये पैकेज के तहत रकम को एक वार्षिकी खाते में रखा जायेगा. जो जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नियंत्रित होगा.
- सुविधापूर्ण जिंदगी सुनिश्चित करने के लिए लाभार्थी के खाते में मासिक आमदनी जायेगी.
- इस खाते का संचालन जिला मजिस्ट्रेट स्व विवेक कर सकेंगे. इस खाते में जमा राशि को जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति बिना कोई निकाल नहीं सकेगा.
- नई योजना की विशेषता में बंधुआ मजदूरी के नये स्वरूपों जैसे कि किसी गिरोह द्वारा संगठित तरीके से भीख मंगवाया जाना, जबरन वेश्यावृत्ति और बाल श्रम के विरुद्ध कड़े कानूनों का प्रावधान शामिल हैं.
- इसके लिए महिलाओं, विकलांग और ट्रांसजेंडर का बेरहमी से ताकतवर तत्वों द्वारा उपयोग किया जाता है.
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