केंद्रीय खाद्य मंत्री ने गुजरात के पहले मेगा फूड पार्क का उद्घाटन किया

Oct 30, 2018, 16:57 IST

मेगा फूड पार्क की 25 से 30 खाद्य प्रसंस्‍करण इकाइयों में 250 करोड़ रुपए का अतिरिक्‍त निवेश होने की संभावना है. इस पार्क में करीब 450 से 500 करोड़ रुपए का सालाना कारोबार होगा.

Gujarat's first Mega Food Park inaugurated in Surat
Gujarat's first Mega Food Park inaugurated in Surat

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने 29 अक्टूबर 2018 को सूरत में गुजरात के पहले मेगा फूड पार्क का उद्घाटन किया. मंत्रालय ने ऐसा ही दूसरा मेगा फूड पार्क मेहसाणा में बनाए जाने को मंजूरी दे दी है.

सूरत जिले के मंगलौर तालुका के तहत शाह और वसरावी गांव में स्थित यह पार्क मेसर्स गुजरात एग्रो इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर मेगा फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है. इस पार्क के बनने से सूरत के साथ ही नवसारी, तापी, नर्मदा और भरूच के पड़ोसी जिले के लोग भी लाभान्वित होंगे.

                           उद्देश्य:

खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के मूल्य संवर्धन और आपूर्ति श्रृंखला के प्रत्येक चरण में जल्‍दी नष्‍ट होने वाले खाद्य पदार्थों की बर्बादी को कम करने के उद्देश्य से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने देश में मेगा फूड पार्क योजना लागू की है.

मेगा फूड पार्क:

यह मेगा फूड पार्क 70.15 एकड़ भूमि पर 117.87 करोड़ रूपए की लागत से बनाया गया है. इसमें डेवलपर द्वारा बनाए गए केंद्रीय प्रसंस्‍करण केंद्र में 3,500 मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता से युक्‍त कई चैंबरों वाला कोल्‍ड स्‍टोर, 5,000 मीट्रिक टन क्षमता वाला वेयर हाउस, सब्जियों और फलों के गूदे निकालने के लिए बड़ी पाइपलाइन, क्‍यूसी प्रयोगशाला और खाद्य प्रसंस्‍करण से जुड़ी ऐसी ही कई अन्‍य सुविधाएं भी उपलब्‍ध कराई गई हैं.

खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों के लिए पार्क में एक प्रशासनिक भवन भी बनाया गया है. इसके अलावा भरूच, पाद्रा (वडोदरा), वलसाड और नवसारी में खेतों के पास ही प्राथमिक स्‍तर पर प्रसंस्‍करण और भंडारण के लिए 4 स्‍थानीय केंद्र भी बनाए गए हैं. मेगा फूड योजना के तहत, भारत सरकार प्रति मेगा फूड पार्क के लिए 50 करोड़ रुपये की वित्‍तीय मदद देती है.

250 करोड़ रुपए का अतिरिक्‍त निवेश:

मेगा फूड पार्क की 25 से 30 खाद्य प्रसंस्‍करण इकाइयों में 250 करोड़ रुपए का अतिरिक्‍त निवेश होने की संभावना है. इस पार्क में करीब 450 से 500 करोड़ रुपए का सालाना कारोबार होगा. इससे परोक्ष और अपरोक्ष रूप से 5,000 लोगों को रोजगार मिलेगा.

25,000 किसान लाभन्वित:

फूड पार्क के आस-पास के इलाकों के करीब 25,000 किसान लाभन्वित होंगे. फूड पार्क की आधुनिक बुनियादी संरचना से किसान, उत्‍पादक और प्रसंस्‍करण उद्योग से जुड़े लोग तथा उपभोक्‍ता सभी लाभान्वित होंगे. इससे गुजरात के खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र के विकास को बड़ा प्रोत्‍साहन मिलेगा.

मजबूत अर्थव्‍यवस्‍था:   

केंद्र सरकार भारत में उद्यम लगाने के इच्‍छुक निवेशकों को सहज, पारदर्शी और सुलभ कारोबारी माहौल उपलब्‍ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. भारत को खाद्य क्षेत्र में एक मजबूत अर्थव्‍यवस्‍था तथा विश्‍व के एक बड़े केंद्र के रूप में स्‍थापित करने के लिए सरकार ने अपने महत्‍वाकांक्षी मेक इन इंडिया कार्यक्रम में खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र पर खास जोर दिया है.

खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय देश में खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग को प्रोत्‍साहित करने के विशेष प्रयास कर रहा है ताकि इससे कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिले और यह किसानों की आय दोगुनी करने में बड़ा योगदान कर सके.

खाद्य प्रसंस्करण:

मेगा फूड पार्क एक क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण के लिए आधुनिक आधारभूत सुविधाएं प्रदान करता है. केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र में सामान्य सुविधाएं और सक्षम बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाता है और प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्रों (पीपीसी) और संग्रह केंद्रों (सीसी) के रूप में कृषि के पास प्राथमिक प्रसंस्करण और भंडारण की सुविधा दी जाती है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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