Jaldoot App launched: केंन्द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री, गिरिराज सिंह ने 'जलदूत ऐप' (JALDOOT App) को लांच किया है. इसका उपयोग ग्रामीण इलाकों में चयनित कुओं के जल स्तर पता लगाने के लिए किया जायेगा. इसकी मदद से ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल स्तर का पता लगाया जा सकता है.
जलदूत ऐप लॉन्च समारोह में इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते सहित केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, कपिल मोरेश्वर पाटिल और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा मौजूद थे. इनके अतिरिक्त राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए.
Ministry of rural Development launch’s Jaldoot Apps . pic.twitter.com/xaeIRG0yph
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) September 27, 2022
'जलदूत ऐप' के विकास का उद्देश्य:
'जलदूत ऐप' का मुख्य उद्देश्य भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल स्तर का पता लगाना है. जो ग्रामीण क्षेत्र के भूजल स्तर का सही डेटा एकत्र करेगा. जिसकी मदद से सरकार आने वाले समय में भूजल स्तर को बेहतर बनाने के लिए इन डेटा के आधार पर अपनी योजना का क्रियान्वयन करेगी. साथ ही सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही विभिन्न योजनाओं को सुचारू रूप से लागू करने में इन भूजल डेटा का उपयोग करेगी.
'जलदूत ऐप' के बारें में:
- यह ऐप भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है.
- 'जलदूत ऐप' भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के गावों के चयनित कुओं के जलस्तर का पता लगाने के लिए विकसित किया गया है.
- प्रत्येक गाँव के चयनित (2-3) कुओं के भूजल स्तर की जाँच की जाएगी, जिसकी मदद से गावं के भूजल स्तर का पता लगाया जायेगा.
'जलदूत ऐप' की उपयोगिता:
- 'जलदूत ऐप' से प्राप्त डेटा का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों की योजनाओं को और बेहतर बनाने में किया जायेगा.
- भूजल डेटा का उपयोग, महात्मा गांधी नरेगा योजना और ग्राम पंचायत विकास योजना जैसी विभिन्न योजनाओं के हिस्से के रूप में किया जायेगा.
- इसके अतिरिक्त इन डेटा का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े विभिन्न प्रकार के अनुसंधान कार्यों और अन्य उद्देश्यों के लिए भी किया जायेगा.
भूजल नियंत्रण के लिये केंद्र सरकार की पहल:
भूजल के स्तर को बनाये रखने के लिए सरकार ने जल शक्ति अभियान की शुरुआत वर्ष 2019 में की थी, इसके अतिरिक्त सरकार ने भूजल के कृत्रिम पुनर्भरण के लिये एक मास्टर प्लान को वर्ष 2020 में शुरू किया था. भूजल के नियंत्रण की अन्य केन्द्रीय पहलों में अटल भूजल योजना, राष्ट्रीय जल नीति (2012) और जलभृत मानचित्रण और प्रबंधन कार्यक्रम आदि प्रमुख है.
केंद्र सरकार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वाटरशेड विकास, जल निकाय विकास और नवीनीकरण, वनीकरण और वर्षा जल के संचयन के माध्यम से जल प्रबंधन और भूजल में सुधार के लिए कई कदम उठाए है.
आगे की राह:
सरकार के विभिन्न भूजल नियंत्रण कार्यक्रम के बावजूद भी भूजल की निकासी और सतही जल स्रोतों का उपयोग देश के कई क्षेत्रों में गंभीर स्तर पर पहुंच गया है. जिस पर सरकार को गंभीरता से विचार करना होगा. और जलदूत जैसे उपायों को और बढ़ावा देना होगा. तभी हम भविष्य में इस बड़ी समस्या का हल निकाल पाएंगे. साथ ही यह किसानों के लिए भी समस्या बन गया है. अतः आज के समय में देश भर में जल स्तर का मापन बहुत आवश्यक हो गया है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation