मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विद्या वीरता अभियान का शुभारम्भ किया. इस अवसर पर परमवीर चक्र विजेताओं पर फोटो पोट्रेट और पुस्तक भी जारी की गई. कार्यक्रम का उद्देश्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को देशभक्ति की भावना से ओत -प्रोत करना है.
अभियान के तहत एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने जेएनयू, डीयू, जामिया मिलिया इस्लामिया के वाइस चांसलर्स को परमवीर चक्र विजेताओं की तस्वीर सौंपी.
प्रमुख तथ्य-
- विद्या वीरता अभियान के माध्यम से देश भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ‘वीरता की दीवार’ बनाई जाएगी. शौर्य दीवार हेतु केंद्र या राज्य सरकार द्वारा ग्रांट प्रदान नहीं की जाएगी.
- इस दीवार का आकार 15X20 फीट होगा, जिस पर सभी 21 परमवीर चक्र विजेताओं के पोट्रेट लगाए जाएंगे.
- इसके लिए स्वैच्छिक आधार पर छात्र और अध्यापक वित्त का प्रबंध करेंगे. इससे युवाओं में देशभक्ति की भावना संचारित होगी.
- विद्या वीरता अभियान जैसे आयोजन से विश्वविद्यालयों और कॉलेज के वातावरण में परिवर्तन होगा.
- विद्या वीरता अभियान का उद्देश्य युवाओं में देशभक्ति की भावना को दोबारा जीवित करना है.
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के अनुसार सशस्त्र बल स्वतंत्रता के बाद के हमारे असली नायक हैं. जो अत्यंत कठिनाई में राष्ट्र की सेवा करते हैं. स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्रता के लिए अत्याचारों का मुकाबला किया और अपना बलिदान दिया. सत्याग्रह के समय से ही स्वतंत्रता सेनानी हमारे स्वभाविक महानायक रहे.
आयोजन में विश्वविद्यालयों के कई कुलपति, विद्वान, पूर्व सैनिक और स्कूली बच्चे उपस्थित थे. परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार और योगेंद्र सिंह यादव ने अपने युद्धकालीन स्मृतियों और अनुभवों को उपस्थितजनों के साथ साझा किया और युवाओं में देशभक्ति की भावनाओं का निरूपण किया.
समारोह को रक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष रामाराव भामरे और आयोजन के संयोजक तरुण विजय ने भी संबोधित किया.
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