रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने भारतीय रेलवे में नई जल प्रबंधन नीति जारी की. भारतीय रेलवे ने जल प्रबंधन नीति को अंतिम रूप दिया. नई जल प्रबंधन नीति जल के उपयोग, रिसाइक्लिंग, संरक्षण और भूजल के पुनर्भरण के सभी पहलुओं को कवर करती है.
नई जल प्रबंधन नीति प्रगतिशील एवं रचनात्मक नीति है, जिसके तहत फील्ड यूनिटों को जल की रिसाइक्लिंग एवं बचत करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
उद्देश्य-
- नई जल प्रबंधन नीति का उद्देश्य जल रिसाइक्लिंग संयंत्रों, जल हार्वेस्टिंग संयंत्रों, सीवेज प्रशोधन संयंत्रों और रेलवे की भूमि पर अपशिष्ट प्रशोधन संयंत्रों की स्थापना करके जल उपयोग की दक्षता में बेहतरी सुनिश्चित करना है
- नई जल नीति के तहत जल ऑडिट, जल क्षेत्रों की बहाली और जल की रिसाइक्लिंग सुनिश्चित की जाएगी.
- नई जल नीति के तहत भारतीय रेलवे ने वृक्षारोपण के लिए भी लक्ष्य तय किया.
- नीति के तहत भारतीय रेलवे ने तीन वर्षों में 5 करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
- वर्तमान वर्ष में 1.25 करोड़ पौधों का लक्ष्य रखा गया है.
- रेलवे पर्यावरण के लिए प्रतिबद्ध है. इसी कारण रेलवे बोर्ड में पर्यावरण निदेशालय भी स्थापित किया गया.
- रेलवे इस लक्ष्य को हासिल करने हेतु यूएनईपी के साथ मिलकर काम कर रही है.
- ऊर्जा बिल में बचत हेतु 41000 करोड़ रुपये का एक मिशन तय किया गया है.
रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु के अनुसार विश्व जल दिवस को वर्ष में सिर्फ एक बार नहीं मनाया जाना चाहिए. एक बार इसे मनाने का कोई औचित्य नहीं है. विश्व जल दिवस को और अधिक सार्थक बनाने हेतु प्रतिदिन मजबूत कदम उठाए जाने चाहिए.
रेलवे वर्कशॉप को ग्रीनको प्रमाण पत्र-
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने डीजल लोकोमोटिव वर्क्स (वाराणसी), पेराम्बुर कैरेज वर्कशॉप (चेन्नई), लालागुडा कैरेज वर्कशॉप (हैदराबाद) को ग्रीनको प्रमाण पत्र प्रदान किए.
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा विकसित किया गया प्रमाण पत्र अच्छे हरित तौर-तरीके अपनाने के लिए प्रदान किया जाता है.
सीआईआई द्वारा विकसित की गई ग्रीनको रेटिंग प्रणाली दुनिया में अपनी तरह की पहली रूपरेखा (फ्रेमवर्क) है, जिसका उद्देश्य भारतीय उद्योग जगत को हरित तौर-तरीके अपनाने हेतु प्रेरित करना है.
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