केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यं मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने 5 अप्रैल 2016 को ‘अंतर्राष्ट्रीय कौशल मानकों’ की शुरुआत करने की घोषणा की.
इनका उद्देश्य केंद्र सरकार की दो प्रमुख पहलू क्रमशः ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्किल इंडिया’ को आवश्यक समर्थन प्रदान करना और वैश्विक स्तर पर स्वीकार्य कौशल मानकों के अनुरूप बनाना है.
अंतर्राष्ट्रीय कौशल मानकों की विशेषताएं:
• कौशल विकास से जुड़े ये मानक समस्ति 82 चिन्हित रोजगारों के मामले में ब्रिटिश बेंचमार्क के अनुरूप हैं, जिसे खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के सभी सदस्यब भी मान्यता प्रदान करते है.
• अंतर्राष्ट्रीय मानकों से यह पता चल सकेगा कि भारतीय मानकों और ब्रिटिश मानकों के बीच किस हद तक खाई है. इस खाई को दूर करने के लिए इच्छुक लोगों को ‘ब्रिज ट्रेनिंग’ दी जायेगी.
• ब्रिटेन का फर्दर एजुकेशन (एफई) कॉलेजेज ब्रिज पाठ्यक्रमों पर प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भारत के प्रशिक्षण प्रदाताओं के साथ भागीदारी करेगा.
• एफई कॉलेजेज भारत के चिन्हित क्षेत्रों में उत्कृष्टता के कौशल अकादमियों की स्थापना करेगा.
• भारतीय श्रम बल की अंतर्राष्ट्रीसय गतिशीलता को आवश्यक समर्थन प्रदान करना. 15 भारतीय क्षेत्र कौशल परिषदों (एसएससी) ने 82 रोजगारों के मानकों की 11 ब्रिटिश एसएससी के मानकों के साथ बेंचमार्किंग की है.
• इस परियोजना में भाग लेने वाली भारतीय क्षेत्र कौशल परिषद है: ऑटोमोटिव, कृषि, जीवन विज्ञान, स्वास्थ्य रक्षा, पूंजीगत सामान, परिधान, कपड़ा, सौंदर्य एवं वेलनेस, दूरसंचार, आतिथ्य, आईटी एवं आईटी आधारित सेवाएं, निर्माण, खुदरा, इलेक्ट्रॉनिक और सुरक्षा.
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