संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की छात्र शाखा अल मुहम्मदिया स्टूडेंट्स को आतंकी संगठन को आतंकी संगठन घोषित किया.
साथ ही अमेरिका द्वारा इस संगठन के दो वरिष्ठ नेताओं मुहम्मद सरवर तथा शाहिद महमूद पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया. गौरतलब है कि मुहम्मद सरवर तथा शाहिद महमूद पाकिस्तान में रहते हैं. इन दोनों को पहले ही अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताते हुए आतंकी घोषित किया जा चुका है. इससे पूर्व वर्ष 2001 में ही अमेरिका द्वारा लश्कर-ए- तैयबा को आतंकी संगठन घोषित किया जा चुका है.
अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जारी जानकारी में कहा गया कि इस कार्यवाही का उद्देश्य केवल लश्कर की गतिविधियों को उजागर करना नहीं बल्कि लश्कर-ए-तैयबा के वित्तीय नेटवर्क और क्षमता को बाधित करना है.
अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जानकारी में कहा गया कि मुहम्मद सरवर लाहौर में लश्कर का अमीर है. वह इस पद पर जनवरी 2015 से कार्यरत है. वह लाहौर में लश्कर में अमीर के रूप में धन संग्रह कार्यक्रमों में सीधे तौर पर शामिल रहा है और धन आगे तक पहुंचाने के लिए पाकिस्तान में औपचारिक वित्तीय व्यवस्था का इस्तेमाल करता है.
अल-मुहम्मदिया स्टूडेंट्स
आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा प्रतिबन्ध लगाए जाने के बाद कई बार अपने नाम बदल चुका है तथा प्रतिबंधों से बचने के लिए नए-नए संगठन बना रहा है. इन्हीं प्रतिबंधों से बचने के लिए अल-मुहम्मदिया स्टूडेंट्स नामक शाखा बनाई गयी ताकि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचा जा सके.
यह संगठन वर्ष 2009 में बनाया गया तथा यह लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन के रूप में कार्य कर रहा है. इस संगठन द्वारा युवाओं को आतंकी गतिविधियों में शामिल करने का काम किया जाता है.
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