केंद्रीय ऊर्जा, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, आरके सिंह ने 16 सितंबर, 2021 को एक आभासी उद्योग गोलमेज सम्मेलन में US इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम और उद्योग जगत के नेताओं को संबोधित किया.
केंद्रीय मंत्री ने अपने इस संबोधन में ऊर्जा क्षेत्र के लिए भारत सरकार की प्राथमिकताओं से अवगत कराया क्योंकि केंद्रीय ऊर्जा, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने वर्ष, 2047 तक प्रधानमंत्री मोदी के ऊर्जा स्वतंत्रता के दृष्टिकोण पर काम करना शुरू कर दिया है.
ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने यह भी कहा कि, भारत और अमेरिका के लक्ष्य समान हैं और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों के प्रति उनका उत्साह एक-समान है.
अक्षय ऊर्जा पर भारत की योजनाओं के बारे में ऊर्जा मंत्री के बयान का मुख्य विवरण
• केंद्रीय मंत्री ने यह बताया कि, भारत ने वर्ष, 2022 तक अक्षय ऊर्जा की 175 गीगावाट क्षमता और वर्ष, 2030 तक 450 गीगावाट अक्षय ऊर्जा का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है.
• हाइड्रो क्षमता को भी जोड़ने के बाद भारत स्थापित पवन और सौर क्षमता में 100 गीगावाट तक पहुंच गया है. भारत की कुल स्थापित अक्षय क्षमता अब 146 मेगावाट है.
• इसके अलावा, 63 गीगावाट नवीकरणीय क्षमता निर्माणाधीन है जो अक्षय क्षमता वृद्धि के मामले में हमारे देश को सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाती है.
• आरके सिंह ने ऊर्जा उपयोग के तौर पर हाइड्रोजन का उपयोग करने पर भारत के दृष्टिकोण के बारे में बात करते हुए यह बताया कि, देश अगले 3-4 महीनों में ईंधन के तौर पर हाइड्रोजन के उपयोग के लिए मार्ग को प्रशस्त करने के लिए हरित हाइड्रोजन के लिए प्रतिस्पर्धी बोलियां आयोजित करेगा.
अक्षय भंडारण क्षमता पर काम कर रही है भारत सरकार
• भंडारण क्षमता को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री ने यह कहा कि, बड़ी नवीकरणीय क्षमता के एकीकरण को और समर्थन देने के लिए, भारत अपनी पंप हाइड्रो स्टोरेज क्षमता को बढ़ाने के लिए काम कर रहा है.
• उन्होंने यह भी बताया कि, भारत जल्द ही 4000 MWhr के लिए बोली लगाएगा.
• BESS ने बोली लगाई है और बाद में इसे लद्दाख में 12 GWhr परियोजनाओं तक ले जाएगा.
जीवाश्म ईंधन से अक्षय ऊर्जा की ओर स्थानांतरण
ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि, प्रौद्योगिकियों में पैमाने की किफायत लाने और इन्हें व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए दुनिया को अधिक इलेक्ट्रोलाइज़र और बैटरी भंडारण सुविधाओं के लिए एक-साथ प्रयास करने की आवश्यकता है. तभी हमारा देश वास्तव में जीवाश्म ईंधन से अक्षय ऊर्जा की ओर स्थानांतरित हो पाएगा.
US इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम
यह फोरम एकमात्र स्वतंत्र गैर-लाभकारी संस्था है जो US-भारत साझेदारी को मजबूत करने के लिए समर्पित है.
US इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम गैर-लाभकारी संगठनों और व्यवसायों सहित अमेरिका और भारत की सरकारों के लिए विश्वसनीय भागीदार है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation