अमेरिकी संसदीय समिति ने तिब्बत के लिए एक करोड़ 70 लाख डॉलर की मदद को मंजूरी प्रदान की है. वित्तीय मदद की यह स्वीकृति अमेरिका में कांग्रेस की दो अहम समितियों ने की.
इस वित्तीय मदद से तिब्बत की संस्कृति को संरक्षित रखने, तिब्बती शरणार्थियों की मदद करने और इसके विकास को प्रोत्साहित करने वाले संस्थाएं विकसित की जाएंगी. अमेरिका ने तिब्बत की निर्वासित सरकार हेतु यह आर्थिक मदद मंजूर की.
वित्तीय मदद का यह प्रावधान पिछले सप्ताह प्रतिनिधि सभा और सीनेट दोनों की ‘एप्रोप्रिएशन कमेटी’ की ओर से पारित विदेश मंत्रालय के 2018 वार्षिक बजट का हिस्सा हैं. यह राशि वर्ष 2017 के स्तर के ही समान है.
इस विधेयक के मुख्य प्रावधानों में तिब्बती स्वायत्तशासी क्षेत्र और चीन में अन्य तिब्बती स्वायत्त क्षेत्रों में तिब्बती समुदायों की सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित रखने, उनके स्थायी विकास एवं पर्यावरणीय संरक्षण को प्रोत्साहित करने की गतिविधियों में मदद करने हेतु 80 लाख डॉलर की सहायता राशि सम्मिलित है. इसमें तिब्बती संस्थाओं एवं शासन की क्षमता को मजबूत करने हेतु 30 लाख डॉलर का भी प्रावधान है.
‘सीनेट एप्रोप्रिएशन कमेटी’ ने तिब्बती संस्कृति के संरक्षण और तिब्बती समुदाय का कल्याण सुनिश्चित करने हेतु लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्थापना में दक्षिण एशिया में तिब्बती समुदाय की प्रगति को पहचाना है.
इस वित्तीय मदद में दक्षिण एशिया में तिब्बती समुदायों के सामने मौजूद विकास संबंधी चुनौतियों के बारे में जागरूक प्रावधानों में भारत एवं नेपाल में तिब्बती समुदायों की शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता में मदद करने के लिए 60 लाख डॉलर की मदद शामिल है.
कांग्रेस की समिति ने इन रिपोर्टों पर चिंता व्यक्त की कि नेपाली अधिकारियों ने उत्पीड़न से बच कर आने वाले शरणार्थियों की रक्षा करने की नेपाल की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के विपरीत तिब्बती शरणार्थियों को चीनी सीमा प्राधिकारियों को सौंप दिया.
समिति ने कहा कि वह नेपाल में रह रहे तिब्बतियों की कानूनी सुरक्षा एवं तिब्बती शरणार्थियों के लिए सुरक्षित पारगमन मुहैया करने हेतु नेपाल सरकार के साथ मिलकर काम करने के विदेश मंत्री के प्रयासों का समर्थन करती है. समिति ने तिब्बती मामलों के विशेष समन्वयक के कार्यालय के लिए 10 लाख डॉलर की सिफारिश की है.
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