अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 26 जून 2018 को सुनाये गये एक निर्णय में मुस्लिम बहुल देशों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों को जायज ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को 5-4 से पलटते हुए यह फैसला सुनाया.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और 'वॉओ' लिखकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की. गौरतलब है कि ट्रम्प प्रशासन के इस फैसले की मुस्लिमों के खिलाफ गैर-वाजिब प्रतिबन्ध बताकर इसकी आलोचना की जा रही थी.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
• अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने बहुमत की राय के आधार पर यह फैसला सुनाया. उनके पैनल में चार अन्य जज शामिल थे.
• अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चुनौतीकर्ता यह साबित करने में असफल रहे कि यह प्रतिबंध मुस्लिमों के साथ भेदभाव करता है.
• मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने कहा कि सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर पर्याप्त रूप से न्यायोचित साबित किया है.
• इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का अपना कोई मत नहीं है क्योंकि अमेरिका का राष्ट्रपति अपने विशेषाधिकारों के तहत यह निर्णय ले सकता है.
• सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर पर्याप्त रूप से न्यायोचित साबित किया इसलिए इसे रद्द नहीं किया जा सकता.
ट्रम्प का ट्रेवल बैन |
डोनाल्ड ट्रम्प ने 06 मार्च 2017 को सभी शरणार्थियों और छह मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था. ट्रंप ने ईरान, लीबिया, सूडान, सोमालिया, सीरिया और यमन के नागरिकों के अमेरिका आने पर 90 दिन की पाबंदी और शरणार्थियों के आने पर 120 दिन की रोक लगा दी थी. |
ट्रेवल बैन के फैसले की आलोचना का आधार
• मानवाधिकारवादी संगठनों ने ट्रंप के इस फैसले की कड़ी आलोचना की थी.
• इसे चुनौती देने वालों का तर्क था कि यह नीति मुस्लिमों के खिलाफ ट्रंप की शत्रुता से प्रेरित है.
• इन संगठनों ने कोर्ट से कहा था कि वह ट्रंप के उन बयानों का भी संज्ञान ले जो उन्होंने 2016 में राष्ट्रपति चुनावों के प्रचार के दौरान दिए थे.
• आलोचकों का कहना है कि इससे वैश्विक स्तर पर एक-दूसरे समुदायों के प्रति शत्रुतापूर्ण माहौल उत्पन्न हो सकता है.
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