प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 17 जुलाई 2017 को हुई एनडीए की बैठक में वैंकेया नायडू को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया गया. वेंकैया नायडू भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता हैं.
वैंकेया नायडू को विपक्षी उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी के खिलाफ मैदान में उतारा गया है. बीजेपी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं. वे एक अनुभवी नेता हैं और एनडीए के सभी घटक दलों ने इस फैसले का स्वागत किया है.”
भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए 07 अगस्त को चुनाव होगा जिसके लिए 20 जुलाई तक नामांकन भरा जायेगा. वैंकेया नायडू ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने मौजूदा केन्द्रीय मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया.
वैंकेया नायडू के बारे में
• वैंकेया नायडू का जन्म 01 जुलाई 1949 को नेल्लूर (आन्ध्र प्रदेश) में हुआ.
• उन्होंने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कॉलेज दिनों से की थी. वे वर्ष 1971 में वीआर कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए.
• वेंकैया वर्ष 1974 में आंध्र प्रदेश में लोक नायक जय प्रकाश नारायाण छात्र संघर्ष समिति से जुड़े.
• उन्हें वर्ष 1980 में बीजेपी यूथ विंग और आंध्र प्रदेश विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष बनाया गया.
• वर्ष 1988 में उन्हें आन्ध्र प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया.
• वर्ष 1993 से 2000 तक वेंकैया बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव रहे.
• वर्ष 2002 से 2004 तक वे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे.
• वर्ष 2004 में उनकी अध्यक्षता में बीजेपी ने चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं मिली जिसके चलते नायडू ने पद से इस्तीफ़ा दिया.
• फ़िलहाल वे आवास और शहरी मामलों के मंत्री के अलावा सूचना और प्रसारण मंत्री भी हैं.
उपराष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया
• उप राष्ट्रपति का चुनाव परोक्ष मतदान प्रणाली के आधार पर होता है जिसके अंतर्गत निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज में राज्यसभा और लोकसभा के सांसद शामिल होते हैं. उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डाल सकते हैं.
• संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य (निर्वाचित और मनोनित) एकल संक्रमणीय मत द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के आधार पर मतदान के माध्यम से करते हैं. यह मत गोपनीय होता है. राष्ट्रपति चुनाव के विपरित राज्य विधानमंडल के सदस्य इसमें भाग नहीं लेते.
• संविधान के अनुच्छेद 71 के अनुसार उपराष्ट्रपति के निर्वाचन संबंधी सभी विवादों का निपटारा उच्चतम न्यायालय द्वारा किया जाएगा. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति निर्वाचन अधिनियम, 1952 की धारा 14 के अनुसार एक निर्वाचन याचिका उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जा सकती है.
• उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष के लिए होता है लेकिन उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग कर सकता है.
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