बंगाली फिल्मों के मशहूर अभिनेता पार्थ मुखोपाध्याय का 25 दिसम्बर 2017 को एक निजी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वे 70 वर्ष के थे. वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे.
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बंगाली सिनेमा में पार्थ मुखोपाध्याय का योगदान अमूल्य है. उनके जाने से बंगाली सिनेमा को अभूतपूर्व क्षति हुई है. बच्चे भी उनकी फिल्मों को बहुत पसंद करते थे. पार्थ मुखोपाध्याय की मौत से फिल्म इंडस्ट्री के लोगों को एक बार और सदमा लगा है. अभिनेता होने के साथ-साथ पार्थ मुखोपाध्याय एक बेहतरीन गायक भी थे.
पार्थ मुखोपाध्याय के बारे में:
• पार्थ मुखोपाध्याय का जन्म 21 जून 1947 को हुआ था.
• पार्थ मुखोपाध्याय ने बतौर बाल कलाकार फिल्मों में शुरुआत की थी और बाद में उन्होंने चरित्र अभिनेता के रूप में ख्याति अर्जित की.
• सिर्फ दर्शक ही नहीं बल्कि फिल्म समीक्षा करने वाले लोग भी पार्थ मुखोपाध्याय के अभिनय के कायल थे.
• निर्देशक चित्त बासु ने वर्ष 1956 में उन्हें अपनी फिल्म ‘मां’ में पहला ब्रेक दिया. उन्होंने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और बंगाली फिल्मों में उनकी सफलता का दौर जारी रहा.
• फिल्म ‘अतिथि’ को विश्व प्रसिद्ध वेनिस फिल्म समारोह में शामिल किया गया, लेकिन कुछ मतों से वे उत्कृष्ट अभिनेता का पुरस्कार पाने से चूक गये.
• उनकी लोकप्रिय फिल्में बालिका वधू, धुनीमिये, अग्निश्वर, अमर आमार पृथ्वी और बाग बंदी खेला रही.
• उन्होंने छोटे परदे पर भी अनेक धारावाहिकों में काम किया.
• उन्होंने वर्ष 1970 और वर्ष 1980 के दशक में एक चरित्र अभिनेता के रूप में अपनी छाप छोड़ी थी.
• उन्होंने कई फिल्मों में यादगार रोल किए थे.
• उन्हें बंगाली फिल्म इंडस्ट्री के बेहतरीन कलाकारों में से गिना जाता था.
• वे सिन्हा, तरूण मजूमदार और गौतम घोष जैसे कई जाने-माने बंगाली निर्देशकों के साथ काम कर चुके थे.
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