Bhupinder Singh Death: प्रसिद्ध गायक भूपिंदर सिंह का 82 वर्ष की आयु में 19 जुलाई, 2022 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनकी पत्नी मिताली सिंह ने इसकी पुष्टि की। वह 82 वर्ष के थे।
प्रसिद्ध गायक भूपिंदर सिंह पिछले 10 दिनों से मुंबई के एक अस्पताल में स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का इलाज चल रहा था। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
Famous singer Bhupinder Singh passed away at the age of 82 in Mumbai, he was ailing for a long time. He was admitted to the hospital for the last 9 days and died late this evening due to a heart attack, says his wife Mithali Singh
— ANI (@ANI) July 18, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसिद्ध गायक के निधन पर एक ट्वीट के साथ शोक व्यक्त किया- "श्री भूपिंदर सिंह जी के निधन से दुखी हु, जिन्होंने दशकों तक यादगार गीत दिए हैं। उनके द्वारा गाये गीतों ने लोगों के बीच एक बेहतर सामंजस्य बैठाया । इस दुखद घड़ी में, मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।"
Anguished by the passing away of Shri Bhupinder Singh Ji, who has given memorable songs for decades. His works struck a chord with several people. In this sad hour, my thoughts are with his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 18, 2022
भूपिंदर सिंह एक प्रसिद्ध ग़ज़ल गायक थे और उनके कुछ सबसे प्रसिद्ध गीतों में शामिल है -नाम गुम जाएगा, होठों पे ऐसी बात, होके मजबूर मुझे उसने बुलाया होगा, दिल ढूंढता है, मीठे बोल बोले, एक अकेला इस शहर में, दो दीवाने शहर में, करोगे याद तो और कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता सहित कई अन्य।
उन्होंने चेतन आनंद की हकीकत के लिए मन्ना डे, मोहम्मद रफी और तलत महमूद सहित अन्य दिग्गज गायकों के साथ होके मजबूर मुझे उसने बुलाया होगा गाना गाया था।
भूपिंदर सिंह: 10 महत्वपूर्ण तथ्य और उनके गाये प्रसिद्ध गीत
- भूपिंदर सिंह का जन्म अमृतसर, पंजाब में हुआ था। उनके पिता, प्रो नाथ सिंहजी, एक प्रशिक्षित गायक और उनके प्रारंभिक संगीत शिक्षक थे। भूपिंदर सिंह को एक समय में संगीत और वाद्ययंत्रों से नफरत थी क्योंकि उनके पिता बहुत सख्त शिक्षक थे।
- उन्होंने अपने संगीत करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो, दिल्ली पर प्रदर्शन के साथ की। एक प्रशिक्षित गायक होने के अलावा, उन्होंने वायलिन और गिटार जैसे वाद्ययंत्र भी सीखे।
- उन्हें संगीत निर्देशक मदन मोहन ने 1962 में आकाशवाणी दिल्ली के निर्माता सतीश भाटिया द्वारा आयोजित एक रात्रिभोज में देखा और उन्हें बॉम्बे बुलाया गया।
- चेतन आनंद की फिल्म हकीकत के लिए उन्हें अनुभवी गायक मोहम्मद रफी, तलत महमूद और मन्ना डे के साथ होके मजबूर मुझे उसने बुलाया होगा गाने का मौका मिला।
- इसके बाद उन्होंने चेतन आनंद की एक और फिल्म आखिरी खत में एक गाना गाया।
- उन्होंने प्रसिद्ध गायक मोहम्मद रफी और किशोर कुमार के साथ लोकप्रिय युगल गीत गाए। उनमें से कुछ में "दुनिया छुटे यार ना छुटे" और "आने से उसके आए बहार" शामिल हैं।
- उनकी आवाज पार्श्व गायन में सबसे अनोखी आवाजों में से एक मानी जाती थी।
- उन्हें ग़ज़ल शैली में स्पेनिश गिटार, बास और ड्रम पेश करने का श्रेय दिया जाता है।
- 1980 के दशक के मध्य में बांग्लादेशी गायिका मिताली से शादी के बाद उन्होंने पार्श्व गायन से दूरी बना ली।
- तब से, उन्होंने अपने अपनी पत्नी के साथ संयुक्त रूप से कई एल्बम गाए और लाइव संगीत कार्यक्रमों में प्रदर्शन किया और कई ग़ज़ल और गीत कैसेट का निर्माण किया।
भूपिंदर सिंह के कुछ प्रसिद्ध गीत
भूपिंदर सिंह के कुछ सबसे प्रसिद्ध गीतों में "नाम गुम जाएगा", "होठों पे ऐसी बात", "बीती न बिताई रैना", "दिल ढूंढता है", "कभी किसी को मुकम्मल", "दो दीवाने शहर में", "करोगे याद तो", "किसी नज़र को तेरा इंतजार", "कैसे कहूं कुछ कह ना सकूँ ", "थोड़ी सी जमीन थोड़ा आसमान", "मीठे बोल बोले", "बादलों से काट काट के" और "एक अकेला इस शहर में" शामिल हैं।
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