दुनिया भर में युद्ध से हर साल 1,00,000 बच्चों की मौत: सेव द चिल्ड्रेन की रिपोर्ट

सेव द चिल्ड्रन ने कहा है कि उसने ओस्लो स्थित पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट के साथ अध्ययन में पाया कि 2017 में 42 करोड़ बच्चे संकटग्रस्त इलाकों में रह रहे थे.

Feb 18, 2019, 15:28 IST
War kills more than one lakh children in world
War kills more than one lakh children in world

विश्व के प्रसिद्ध गैर सरकारी संगठन ‘सेव द चिल्ड्रन इंटरनेशनल’ द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट में कहा गया कि युद्ध और उसके प्रभाव की वजह से हर साल कम से कम एक लाख बच्चों की मौत हो जाती है. इसमें भूख और मदद ना मिलने जैसे प्रभाव शामिल हैं.

एनजीओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुमानतः 10 युद्धग्रस्त देशों में 2013 से 2017 के बीच युद्ध की वजह से 5.5 लाख बच्चे दम तोड़ चुके हैं. संगठन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी थोरिंग श्मिट ने एक बयान में कहा, ‘हर पांच में से करीब एक बच्चा संकटग्रस्त इलाकों में रह रहा है. बीते दो दशक में यह सबसे बड़ी संख्या है.’

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु


•    सेव द चिल्ड्रन ने कहा कि उसने ओस्लो स्थित पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट के साथ अध्ययन में पाया कि 2017 में 42 करोड़ बच्चे संकटग्रस्त इलाकों में रह रहे थे.

•    यह दुनिया भर के बच्चों की संख्या का 18 फीसदी हिस्सा है और बीते साल के मुकाबले इसमें 3 करोड़ बच्चों का इजाफा हुआ है.

•    इन संकटग्रस्त इलाकों में अफगानिस्तान, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो, इराक, माली, नाइजीरिया, सोमालिया, दक्षिण सूडान, सीरिया और यमन देश शामिल हैं.

•    रिपोर्ट के मुताबिक इन बच्चों की मौत युद्ध और उसके प्रभावों से हुई है, जिसमें भूख, अस्पतालों और बुनियादी ढाचों को हुआ नुकसान, स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच की कमी, स्वच्छता और मदद नहीं मिल पाने जैसे कारण शामिल हैं.

•    वर्ष 2017 में करीब 42 करोड़ बच्चे इन क्षेत्रों में रह रहे थे. यह दुनियाभर के बच्चों का 18 प्रतिशत है. वर्ष 2016 के मुकाबले 2017 में इनकी संख्या में तीन करोड़ का इजाफा हुआ था.
•    रिपोर्ट के अनुसार युद्ध में घायल हुए और मारे गए बच्चों की संख्या तीन गुना बढ़ी है.

•    संस्था की सीईओ थोरिंग श्मिट ने इस पर चिंता जताते हुए कहा, यह शर्मनाक है कि 21 वीं सदी में हम पीछे की तरफ जा रहे हैं और अपनी नैतिकता खो चुके हैं.

सेव द चिल्ड्रेन के बारे में

सेव द चिल्ड्रेन विश्व के सबसे पुराने बाल अधिकार संगठनों में से एक है. इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र से भी पहले वर्ष 1919 में हुई थी. यह भारत में वर्ष 2008 से कार्यरत है. भारत के 18 राज्यों में यह अब तक 6.1 मिलियन बच्चों तक अपनी पहुंच बना चुका है. यह एनजीओ बच्चों को आपात स्थिति के दौरान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा,  शोषण से सुरक्षा और जीवन रक्षक सहायता प्रदान करने के लिए भारत और शहरी क्षेत्रों के दूरस्थ कोनों में विभिन्न कार्यक्रम चलाता है. यह बच्चों के सर्वोत्तम हित के लिए नीतियों में बदलाव लाने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करता है. विश्व स्तर पर, सेव द चिल्ड्रेन 120 देशों में मौजूद है और वहां रहने वाले बच्चों की स्थिति को सुधारने के लिए काम करता है.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News