क्या है NSA कानून, जो खरगोन और जहांगीरपुरी हिंसा के आरोपियों पर लगाया गया है

Apr 20, 2022, 18:15 IST

What is NSA: दिल्ली के जहांगीरपुरी में शोभायात्रा के दौरान हिंसा को लेकर पांच लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाई गई है. आइए जानते है क्या है ये NSA तथा इसे किस तरह अपराधियों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है.

What is NSA
What is NSA

What is NSA: दिल्ली के जहांगीरपुरी में शोभायात्रा के दौरान हिंसा को लेकर पांच लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाई गई है. दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के दिन यह हिंसा हुई. इससे पहले रामनवमी के दिन मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा के मामले में भी दो आरोपियों पर एनएसए लगा दिया गया है.

दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के पर्व पर शोभायात्रा निकाली गई थी. कुछ उपद्रवियों ने इस दौरान पथराव कर दिया था, जिससे हिंसा भड़क गई थी. हालांकि हालात बिगड़ने से पहले ही दिल्ली पुलिस ने मामले को कंट्रोल में ले लिया था. आइए जानते है क्या है ये NSA तथा इसे किस तरह अपराधियों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है.

क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA)?

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA), एक ऐसा कानून है जिसके अंतर्गत किसी खास खतरे के चलते व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है. यदि प्रशासन को लगता है कि किसी शख्स की वजह से देश की सुरक्षा एवं सद्भाव को खतरा हो सकता है, तो ऐसा होने से पहले ही उस व्यक्ति को एनएसए के अंतर्गत हिरासत में ले लिया जाता है.

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून बेहद कठोर कानून माना जाता है. इस कानून के अंतर्गत पुलिस संदिग्ध व्यक्ति को 12 महीनों तक हिरासत में रख सकती है. हिरासत में रखने के लिए केवल बस इतना बताना होता है कि इस व्यक्ति को जेल में रखा गया है.

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का उद्देश्य

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को साल 1980 में देश की सुरक्षा के लिए सरकार को ज्यादा अधिकार देने के उद्देश्य से बनाया गया था. इस कानून का इस्तेमाल पुलिस कमिश्नर, डीएम और राज्य सरकार कर सकती है. बता दें कुल मिलाकर ये कानून किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में या गिरफ्तार करने का हक देता है.

इस कानून के तहत गिरफ्तारी की समय-सीमा

इस कानून के अंतर्गत किसी व्यक्ति को पहले तीन महीने के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है. उसके बाद आवश्यकतानुसार, तीन-तीन महीने के लिए गिरफ्तारी की अवधि बढ़ाई जा सकती है. गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार को बताना पड़ता है कि इस शख्स को जेल में रखा गया है तथा उसे किस आधार पर गिरफ्तार किया गया है.

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) का इतिहास

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) को 23 सितंबर 1980 को इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान बनाया गया था. बता दें ये एक प्रिवेंटिव कानून है. इसका मतलब होता है कि किसी घटना के होने से पहले ही संदिग्ध को गिरफ्तार किया जा सकता है. इस कानून का इतिहास ब्रिटिश शासन (British rule) से जुड़ा हुआ है. ब्रिटिशर्स ने साल 1881 में बंगाल रेगुलेशन थर्ड नाम का कानून बनाया था. इस कानून में घटना होने से पहले ही गिरफ्तारी की व्यवस्था थी. फिर साल 1919 में रॉलेट एक्ट लाया गया था. इस एक्ट में ट्रायल की व्यवस्था तक नहीं थी. अर्थात, जिसे हिरासत में लिया गया, वो कोर्ट भी नहीं जा सकता था. बता दें इसी कानून के विरोध के चलते ही जलियांवाला बाग कांड (Jallianwala Bagh massacre) हुआ था.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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