Russia-Ukraine War: मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन ने रूस पर प्रतिबंधित क्लस्टर (Cluster Bomb) एवं वैक्यूम बम (Vacuum Bomb) इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग अब और ज्यादा तेज हो चुकी है. जो लड़ाई पहले केवल कुछ हथियारों के दम पर लड़ी जा रही थी, अब टैंकर, रॉकेट एवं मिसाइल सब सक्रिय रूप से इस्तेमाल हो रहे हैं.
रूस की तरफ से यूक्रेन की राजधानी कीव की घेरेबंदी कर हमले तेज कर दिए गए हैं. यूक्रेन की तरफ से इस बीच रूस पर आरोप लगाया गया है कि उसने वैक्यूम बमों का उपयोग किया है. अमेरिका में यूक्रेन के राजदूत ने आरोप लगाया कि रूस की तरफ से प्रतिबंधित हथियार का इस्तेमाल किया जा रहा है.
Vacuum Bomb क्या है?
वैक्यूम बम (Vacuum Bomb) को थर्मोबैरिक हथियार भी कहा जाता है. यह बम अब तक विकसित सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु हथियारों में से एक है. यही वजह है कि इस हथियार को जिनेवा सम्मेलनों के अंतर्गत प्रतिबंधित किया गया है. रूस ने वैक्यूम बम को साल 2007 में विकसित किया था. इस बम का वजन 7100 किलो होता है.
आपको बता दें कि वैक्यूम बम उच्च शक्ति वाले विस्फोटक हथियार है, जो वातावरण का इस्तेमाल कर अपनी मारक क्षमता को कई गुना ज्यादा बढ़ा देता है. वैक्यूम बम फटने के बाद आसपास मौजूद लोगों के आंतरिक अंगों (internal organs) को फाड़ देता है. इसमें शहरों को मलबे में बदलने की भी क्षमता (Capacity) होती है. यही वजह है कि इसके इस्तेमाल के बाद भारी तबाही मचती है.
वैक्यूम बम में ऑक्सीजन का बड़ा इस्तेमाल रहता है. ये बम ऑक्सीजन को सोखकर बहुत बड़ा धमाका करता है. इस बम के इस्तेमाल से दुश्मन देश को भारी नुकसान हो सकता है. आपको बता दें कि कई अंतरराष्ट्रीय संगठन ने इस बम के इस्तेमाल पर रोक लगा चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में भी रूस ने इसी वैक्यूम बम का इस्तेमाल सीरिया के विरुद्ध किया था.
आपको बता दें कि ये वैक्यूम बम 44 टन TNT की ताकत वाला धमाका करने में सक्षम माना जाता है. ये पारंपरिक हथियारों की तुलना में बहुत ज्यादा शक्तिशाली विस्फोट को अंजाम देते हैं. आसपास की ऑक्सीजन का उपयोग करने के कारण वैक्यूम बम पारंपरिक हथियारों की तुलना में सबसे ज्यादा तबाही मचाता है.
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