आधिकारिक तौर पर इंडिया नाम पड़ने से पहले इस देश को भारत और हिंदुस्तान के नाम से जाना जाता था। इन नामों की गहरी सांस्कृतिक जड़ें हैं और आज भी देश के अलग-अलग हिस्सों में इनका खूब इस्तेमाल होता है। हर नाम भारतीय इतिहास के एक अलग दौर को दिखाता है: प्राचीन, मध्यकालीन और औपनिवेशिक काल। इस लेख में हम भारत के पुराने नाम के बारे में जानेंगे।
भारत का सबसे पुराना नाम क्या था?
भारत का सबसे पुराना नाम भारत है। इसका उल्लेख महाभारत और पुराणों जैसे पवित्र हिंदू ग्रंथों में मिलता है। यह नाम प्राचीन भारत के एक महान राजा भरत के नाम पर रखा गया है। यह नाम एकता, विरासत और स्व-शासन का प्रतीक है।
हिंदुस्तान का क्या मतलब है?
हिंदुस्तान नाम मध्यकाल में लोकप्रिय हुआ, खासकर फारसी और मुगल शासन के दौरान। इसका मतलब सिंधु नदी के पार की भूमि है। इसमें "हिंदू" शब्द सिंधु नदी से आया है और "स्तान" का मतलब भूमि है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी हिस्से के लिए किया जाता था।
इंडिया को भारत क्यों कहा जाता है?
देश की प्राचीन सांस्कृतिक पहचान को सम्मान देने के लिए इंडिया को भारत भी कहा जाता है। यह औपनिवेशिक नामों के बजाय देश की अपनी सभ्यता की जड़ों को दिखाता है। भारतीय संविधान भी इसे आधिकारिक रूप से मान्यता देता है। अनुच्छेद 1 में कहा गया है: "इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा।"
क्या भारत को कभी आर्यावर्त कहा जाता था?
हां, भारत को कभी आर्यावर्त भी कहा जाता था, जिसका मतलब है "आर्यों की भूमि"। यह नाम उत्तरी भारत के लिए इस्तेमाल होता था, जहां प्राचीन वैदिक संस्कृति का पालन किया जाता था। यह नाम वेदों जैसे संस्कृत ग्रंथों से आया है और यह सीमाओं से ज्यादा संस्कृति और परंपराओं से जुड़ा था। समय के साथ, इसकी जगह भारत और हिंदुस्तान जैसे नामों ने ले ली।
भारत के पुराने नामों के बारे में 5 दिलचस्प बातें
-भारत का नाम एक महान राजा के नाम पर रखा गया है, जो शक्ति, एकता और प्राचीन भारतीय सभ्यता का प्रतीक है।
-हिंदुस्तान नाम का इस्तेमाल मुगल काल और उसके बाद के समय में विदेशी शासकों और कवियों ने किया।
-"इंडिया" शब्द सिंधु नदी से आया है, जिसे संस्कृत में सिंधु और यूनानियों द्वारा इंडोस कहा जाता था।
-आर्यावर्त का मतलब "आर्यों की भूमि" है। यह वैदिक काल में भारत के उत्तरी क्षेत्र के लिए इस्तेमाल होता था।
-आज, इंडिया, भारत और हिंदुस्तान, तीनों का इस्तेमाल कानूनी, सांस्कृतिक और भावनात्मक जैसे अलग-अलग संदर्भों में किया जाता है।
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