रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) ने 13 मई, 2021 को एक एडवाइजरी जारी की थी कि, अमेरिका में 'पूरी तरह से टीकाकरण' करवा चुके लोगों को अब मास्क पहनने की जरूरत नहीं है.
CDC ने यह कहा है कि, नया मार्गदर्शन चिकित्सा अध्ययनों के मजबूत सबूतों पर आधारित है जिनमें उल्लिखित किया गया है कि, इस वैक्सीन को लगवाने के बाद कोविड -19 संक्रमण और बीमारी के संचरण के बहुत कम मामले दर्ज किए गए थे.
हालांकि, दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ मास्क को पूरी तरह से छोड़ने को लेकर आश्वस्त नहीं थे.
पूरी तरह से टीकाकरण के बाद भी आपको मास्क क्यों पहनना चाहिए: मुख्य बिंदु
• CDC द्वारा यह मार्गदर्शन अमेरिकी आबादी को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है. अमेरिका में लगभग एक तिहाई या 120 मिलियन से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है. अमेरिका में कोविड मामलों की संख्या में लगातार गिरावट आई है.
• स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह नोट किया है कि, अमेरिका डबल म्यूटेंट', फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना का उपयोग कर रहा है, जिनकी कोविड संक्रमण के खिलाफ उच्च प्रभावकारिता है. इन अध्ययनों से यह पता चला है कि, mRNA टीके इन वैरिएंट्स के प्रति काफी प्रभावी हैं.
हालांकि, भारत में कोविड की स्थिति अलग है क्योंकि यहां महामारी की दूसरी लहर अपने चरम पर है.
• स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह चेतावनी दी है कि, भारत में मास्क का इस्तेमाल बंद कर देना उचित नहीं है और इसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं. कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवाने के बाद भी, कोविड-19 से संक्रमित होने की संभावना कम हो सकती है, लेकिन फिर भी इस संक्रमण की संभावना बनी ही रहती है.
• भारत की जनता के केवल एक छोटे से हिस्से को यह टीका लगाया गया है, अधिकतर भारतीय यह टीका लगवाने के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं, और कई संक्रमण के डर या स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में अपर्याप्त विश्वास के कारण यह टीकाकरण बीच में ही छोड़ रहे हैं.
• इन टीकों के संबंध में, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह नोट किया है कि, हालांकि भारत में लगाये जाने वाले दोनों टीके - कोवैक्सीन और कोविशील्ड B.1.617 या भारतीय 'डबल म्यूटेंट' वर्जन को बेअसर करने के लिए प्रभावी पाए गए हैं, फिर भी इन टीकों की प्रभावशीलता का अध्ययन अभी भी जारी है.
• स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह व्यक्त किया है कि, अध्ययनों से पता चला है कि, अगर देश में बीमारी का प्रसार कम होता, तो यह मार्गदर्शन स्वीकार्य होता. भारत बायोटेक और एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार किये गये दोनों ही टीकों ने संक्रमण के संचरण को 50 प्रतिशत तक कम कर दिया है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation