2 मई 2017: विश्व अस्थमा दिवस
विश्व अस्थमा दिवस प्रत्येक वर्ष के मई महीने के पहले मंगलवार को पूरे विश्व में मनाया जाता है.
विश्व अस्थमा दिवस 2 मई 2017 को विश्व स्तर पर मनाया गया. वर्ष 2017 के लिए विश्व अस्थमा दिवस का विषय है- अस्थमा: बेहतर वायु, बेहतर श्वास (Asthma: Better Air, Better Breathing).
विश्व अस्थमा दिवस प्रत्येक वर्ष के मई महीने के पहले मंगलवार को पूरे विश्व में मनाया जाता है. वर्ष 1998 में पहली बार बार्सिलोना, स्पेन सहित 35 देशों में विश्व अस्थमा दिवस मनाया गया. विश्व अस्थमा दिवस का आयोजन प्रत्येक वर्ष ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) द्वारा किया जाता है.
अस्थमा:
अस्थमा के मरीजों को आजीवन कुछ सावधानियां अपनानी पड़ती हैं जिसकी वजह से मरीज़ों को प्रत्येक मौसम में अतिरिक्त सुरक्षा की आवश्यकता होती है. अस्थमा के मरीज़ों हेतु आहार की कोई बाध्यता नहीं होती, लेकिन अगर उन्हें किसी खास प्रकार के आहार से एलर्जी हो तो उससे परहेज़ करना चाहिए.
ग्लोबल इनीशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए):
ग्लोबल इनीशिएटिव फॉर अस्थमा (जीआईएनए) राष्ट्रीय हृदय, फेफड़े और रक्त संस्थान, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान, संयुक्त राज्य अमेरिका एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से वर्ष 1993 में शुरू किया गया था. यह अस्थमा के प्रसार, रुग्णता एवं मृत्यु दर को कम करने के लिए विश्व भर के स्वास्थ्य पेशेवरों और सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ काम करता है.
अस्थमा अटैक के कुछ संकेत:
• सांस लेने में कठिनाई
• सीने में तकलीफ
• बात करने में या चलने में तकलीफ
• बेचैनी महसूस करना
• होंठ, चेहरा, या नाखून (नीले या ग्रे) होना
• अधिक पसीना आना
विश्व अस्थमा दिवस मनाने का उद्देश्य:
विश्व अस्थमा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य है विश्वभर के लोगों को अस्थमा बीमारी के बारे में जागरूक करना. एक अनुमान के अनुसार भारत में अस्थमा के रोगियों की संख्या लगभग 15 से 20 करोड़ है जिसमें लगभग 12 प्रतिशत भारतीय शिशु अस्थमा से पीड़ित हैं.
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