आय स्तर के आधार पर वर्ष 2020-21 के विश्व बैंक के देश वर्गीकरण के अनुसार, नेपाल की अर्थव्यवस्था उच्च श्रेणी में गति करके एक लोअर-मिडिल इनकम इकोनॉमी बन गया है जबकि श्री लंका की अर्थव्यवस्था निम्न श्रेणी में पहुंचकर एक लोअर-मिडिल इनकम इकॉनमी बन गया है.
प्रत्येक वर्ष, विश्व बैंक विभिन्न देशों को 4 इनकम ग्रुप्स में विभाजित करता है - (i) लोअर (ii) लोअर-मिडिल (iii) अपर-मिडिल (iv) हाई इनकम. पूरे विश्व के विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं का वर्गीकरण प्रत्येक वर्ष 01 जुलाई को अपडेट किया जाता है. किसी देश का वर्गीकरण विश्व बैंक द्वारा एटलस मेथड का इस्तेमाल करके किया जाता है. किसी भी अर्थव्यवस्था के आकार का अनुमान लगाने के लिए वर्ष 1993 से विश्व बैंक यह एटलस मेथड इस्तेमाल कर रहा है. एटलस मेथड के तहत, किसी देश की सकल राष्ट्रीय आय (GNI) को वर्तमान अम्रेरिकी डॉलर्स में बदल देता है.
वर्ष 2020 के वर्गीकरण के मुताबिक, भारत एक लोअर-मिडिल इनकम वाला देश बना हुआ है.
नेपाल
दो साल पहले, 22 मई, 2018, नेपाल सरकार ने यह घोषित किया था कि अगले 10 वर्षों में, इसका लक्ष्य एक लोअर-मिडिल इनकम वाला देश बनना है. नेपाल ने अपनी योजना से काफी पहले ही एक लोअर-मिडिल इनकम वाला देश बनने का लक्ष्य हासिल कर लिया है.
एक लोअर-मिडिल इनकम वाला देश बनने के लिए, विश्व बैंक ने नेपाल का पर कैपिटा GNI अमेरिकी डॉलर 1036 से 4045 अमेरिकी डॉलर के बीच निर्धारित किया है. नेपाल ने वर्ष 2019 में मामूली अंतर से इस लक्ष्य सीमा को हासिल कर लिया था और इसकी GNI 1090 अम्रेरिकी डॉलर तक पहुंच गई थी.
श्री लंका
एक अपर-मिडिल इनकम वाला देश बनने के लिए, पर कैपिटा GNI अमेरिकी डॉलर 4046 से 12,535 अमेरिकी डॉलर के बीच होना चाहिए. लेकिन श्री लंका एक अपर-मिडिल इनकम वाले देश से अब एक लोअर-मिडिल इनकम वाला देश बन गया है क्योंकि वर्ष 2019 में इसका पर कैपिटा GNI एक अपर-मिडिल इनकम वाला देश बनने के लिए आवश्यक 4046 अमरीकी डॉलर से कुछ कम था. वर्ष 2019 में श्री लंका का पर कैपिटा GNI कुल 4020अमरीकी डॉलर था.
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