विश्व बैंक ने गंगा के कायाकल्प के लिए 400 मिलियन अमरीकी डालर की राशि को दी मंजूरी

Jul 3, 2020, 17:23 IST

विश्व बैंक ने एक बयान जारी करके यह कहा है कि इस सहायता से नदी बेसिन के प्रबंधन को मजबूत करने में मदद मिलेगी जो लगभग 500 मिलियन लोगों का घर है.

World Bank sanctions USD 400 mn for rejuvenating Ganga in Hindi
World Bank sanctions USD 400 mn for rejuvenating Ganga in Hindi

विश्व बैंक ने 29 जून को यह घोषणा की है कि उसने गंगा नदी के लिए 400 मिलियन अमरीकी डालर (लगभग 300 करोड़ रुपये) के साथ भारत सरकार के कार्यक्रम के लिए अपना योगदान प्रदान किया है. बैंक के अनुसार, इस सहायता से भारत को गंगा नदी में प्रदूषण रोकने में मदद मिलेगी.

विश्व बैंक ने एक बयान जारी करके यह कहा है कि इस सहायता से नदी बेसिन के प्रबंधन को मजबूत करने में मदद मिलेगी जो लगभग 500 मिलियन लोगों का घर है.

बैंक वर्ष 2011 से चल रही राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन परियोजना के माध्यम से इस परियोजना के लिए भारत सरकार के प्रयासों में मदद कर रहा है. इसने नदी के प्रबंधन के लिए एक नोडल एजेंसी के तौर पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) स्थापित करने में भी मदद की है.

मुख्य विशेषताएं 

• इस 25 जून, 2020 को द्वितीय राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन परियोजना को विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशकों ने मंजूरी दी है.

• यह परियोजना सरकार के नमामि गंगे कार्यक्रम के साथ ही गंगा नदी में प्रदूषण नियंत्रण की दीर्घकालिक सरकारी योजना के साथ-साथ जल की गुणवत्ता को बहाल करने में भी अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देगी.

• गंगा नदी के कायाकल्प की इस परियोजना में 381 मिलियन अमरीकी डालर का ऋण और 19 मिलियन अमरीकी डालर तक की प्रस्तावित गारंटी शामिल है.

• ऋण की परिपक्वता अवधि 18.5 वर्ष है जिसमें 5 वर्ष की छूट अवधि शामिल है.

विश्व बैंक द्वारा गंगा के कायाकल्प का समर्थन 

विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर (इंडिया) जुनैद अहमद ने यह भी बताया कि पहली विश्व बैंक परियोजना के तहत, गंगा नदी के किनारे 20 प्रदूषण वाले हॉटस्पॉट्स में महत्वपूर्ण सीवेज इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में मदद की गई और यह दूसरी परियोजना इसे सहायक नदियों तक पहुंचाने में मदद करेगी.

उन्होंने कहा कि यह परियोजना गंगा बेसिन जैसे अन्य जटिल और बड़े नदी बेसिन के प्रबंधन के लिए आवश्यक संस्थानों को मजबूत करने में भी सरकार की मदद करेगी. विश्व बैंक ने नदी के किनारे के कई शहरों और कस्बों में सीवेज ट्रीटमेंट के बुनियादी ढांचे को भी वित्तपोषित किया है. 

विश्व बैंक द्वारा जारी बयान के अनुसार, गंगा बेसिन में भारत के भूभाग का एक चौथाई भाग शामिल है. यह देश के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय और आर्थिक संसाधन है.

यह नदी भारत के सतही जल का एक तिहाई हिस्सा उपलब्ध करवाती है जिसमें देश का सबसे बड़ा सिंचित क्षेत्र शामिल है जो भारत की जल और खाद्य सुरक्षा के लिए इसे आवश्यक बनाता है.

विश्व बैंक के बयान के अनुसार, भारत की जीडीपी का 40% से अधिक हिस्सा इस घनी आबादी वाले बेसिन से उत्पन्न होता है. लेकिन गंगा नदी आज आर्थिक और मानवीय गतिविधियों के दबाव का सामना कर रही है जो इसके जल प्रवाह और जलीय गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं. 

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