World Food Safety Day 2022: विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) हर साल 07 जून को विश्वभर में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य खाद्य सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना है. खराब एवं दूषित भोजन करने के कारण से हर साल हजारों लोग बीमार पड़ते हैं तथा गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं.
इस दिन को मनाये जाने का मुख्य कारण खाद्य सुरक्षा के प्रति उन लोगों को जागरुक करना है जो खराब भोजन का सेवन करने की वजह से गंभीर रोगों से ग्रस्त हो जाते हैं. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाना है कि प्रत्येक व्यक्ति को भरपूर मात्रा में सुरक्षित एवं पौष्टिक भोजन मिल सके.
इस दिन का उद्देश्य
प्रत्येक साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इस दिन को इस लक्ष्य से मनाता है कि खराब एवं दूषित खाने से होने वाली बीमारियों को रोका जा सके तथा इन्हें पहचाना जा सके एवं खाद्य जनित रोगों के जोखिम का ठीक तरह से प्रबंधन करके लोगों के स्वास्थ्य को अच्छा बनाया जा सके.
वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे 2022 की थीम
WHO के अनुसार, विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) वैश्विक स्तर पर 07 जून का मनाया जाता है. प्रत्येक साल इस दिन के लिए एक थीम तय की जाती है. इस साल वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे 2022 की थीम, 'Safer food, better health' है. बता दें WHO ने इसके लिए एक कैम्पेन भी लॉन्च किया है.
#FoodSafety, everyone’s business.
— World Health Organization (WHO) Western Pacific (@WHOWPRO) June 7, 2022
Today is #WorldFoodSafetyDay – let’s celebrate with 5️⃣ keys to help you prepare safe and healthy food for you and your loved ones. pic.twitter.com/imonVLa3RD
वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा साल 2018 में विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने की घोषणा की गई थी. बता दें तभी से प्रत्येक साल 07 जून को इस दिन का आयोजन किया जाने लगा. कोरोना महामारी के कारण पिछले साल इस दिन का आयोजन ऑनलाइन ही किया गया था.
वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे का महत्व
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) का उद्देश्य मानव स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, खाद्य प्रदूषण को रोकना एवं प्रबंधन के लिए आकर्षित करता है. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक प्रत्येक साल 10 में से 1 व्यक्ति की बीमारी दूषित भोजन के कारण होता है. यह बीमारी का खतरा उन बच्चों में ज्यादा देखने को मिलता है, जिनकी उम्र 5 साल से कम है. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक प्रत्येक साल 1 लाख 25 हजार बच्चे अपनी जान गवां देते है.
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