विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है. ये दिन प्रकृति और पर्यावरण के महत्व का प्रतीक है. विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस इस बात के लिए जागरूक करता है कि एक स्वस्थ पर्यावरण एक स्थिर और स्वस्थ मानव समाज की नींव है.
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस को मनाने का अहम उद्देश्य जानवरों और पेड़ों को बचाना है जो पृथ्वी के प्राकृतिक वातावरण से विलुप्त होने की कगार पर हैं. इसलिए, प्रकृति को संरक्षित करने की हर शख्स की जिम्मेदारी है. आनेवाली नस्लों के साथ-साथ वर्तमान में सेहत को सुनिश्चित करने के लिए टिकाऊ दुनिया की तरफ काम करने की जरूरत है.
उद्देश्य
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य उन जानवरों और पेड़ों का संरक्षण करना है जो पृथ्वी के प्राकृतिक पर्यावरण से विलुप्त होने के कगार पर हैं.
महत्व
धरती को बचाने में संसाधनों के संरक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका है. उसकी प्राकृतिक सुंदरता में संतुलन प्रकृति के कई हिस्सों जैसे पानी, हवा, मिट्टी, ऊर्जा, मिनरल्स, वनस्पति, पशु-पक्षियों को संरक्षित कर किया जा सकता है.
इन संसाधनों का मनुष्यों के साथ-साथ बाकी जीवों के लिए भी महत्व है. हम इन संसाधनों का अपनी लालच के लिए अकेले ही दोहन नहीं कर सकते. हमें सह अस्तित्व पर जीना सीखना चाहिए. इन संसाधनों का हमारे जीवन में काफी महत्व है.
इतिहास
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का इतिहास और उत्पत्ति ज्ञात नहीं है लेकिन 28 जुलाई को इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य एक प्रजाति के रूप में आत्मनिरीक्षण करना है कि मनुष्य किस प्रकार प्रकृति का शोषण कर रहे हैं और इसके संरक्षण के लिए कदम उठा रहे हैं. प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन के कारण मनुष्य ग्लोबल वार्मिंग, विभिन्न बीमारियों, प्राकृतिक आपदाओं, बढ़े हुए तापमान आदि के प्रकोप का सामना कर रहा है.
संरक्षण क्यों जरूरी है
संरक्षण की आवश्यकता के कई कारण हैं. हम अगर प्रकृति के अनुकूल नहीं रहे तो प्रकृति भी हमारे अनुकूल नहीं रहेगी. कुछ साल पहले तक तो हमें डर था हमारे क्रियाकलाप हमारे ही अस्तित्व पर ही संकट पैदा कर देंगे. लेकिन अब तो हमें पृथ्वी तक को बचाने के जरूरत आन पड़ी है. यही वजह है हमें प्राकृतिक संरक्षण में ऊर्जा, मिट्टी, वन, विलुप्त होती प्रजातियां, सभी को बचाने यानी सरंक्षित करने की जरूरत है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation