First Malaria Vaccine: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया की पहली मलेरिया वैक्सीन के बच्चों पर व्यापक इस्तेमाल की सिफारिश की है. डब्ल्यूएचओ ने इसे विज्ञान, बच्चों के स्वास्थ्य और मलेरिया नियंत्रण के लिए बड़ी उपलब्धि करार दिया है. डब्ल्यूएचओ ने 06 अक्टूबर 2021 को बच्चों के लिए दुनिया के पहले मलेरिया टीके के व्यापक इस्तेमाल की सिफारिश की.
यह वैक्सीन मच्छर जनित बीमारी के खिलाफ विश्व का पहला टीका है. मलेरिया से एक वर्ष में दुनियाभर में चार लाख से अधिक लोगों की मौत होती है. इनमें ज्यादातर अफ्रीकी बच्चे शामिल हैं. डब्ल्यूएचओ ने यह निर्णय घाना, केन्या और मलावी में साल 2019 से चल रहे एक पायलट प्रोग्राम (प्रायोगिक कार्यक्रम) की समीक्षा के बाद लिया है.
दो मिलियन से अधिक खुराक
घाना, केन्या और मलावी में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत वैक्सीन की दो मिलियन से अधिक खुराक दी गई थी. इसे पहली बार 1987 में दवा कंपनी जीएसके द्वारा बनाया गया था.
बीमारी के खिलाफ बड़ी कामयाबी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 06 अक्टूबर को कहा कि मलेरिया के खिलाफ एकमात्र स्वीकृत टीका ही व्यापक रूप से अफ्रीकी बच्चों को लगाया जाना चाहिए. यह इस बीमारी के खिलाफ बड़ी कामयाबी को चिन्हित करना है जो हर साल हजारों लोगों को जान लेती है.
पांच साल से कम उम्र के बच्चे
इस बीमारी से मरने वालों में ज्यादातर पांच साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं. पायलट प्रोजेक्ट कार्यक्रम शुरू करने से पहले इस वैक्सीन का सात अफ्रीकी देशों में लगभग एक दशक तक क्लीनिकल परीक्षण किया गया है.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने क्या कहा?
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने कहा कि यह ऐसी वैक्सीन है जिसे अफ्रीकी विज्ञानियों ने अफ्रीका में ही विकसित किया है और हम सभी को इस पर गर्व है.
पांच परजीवी प्रजातियों में से एक
बताया जा रहा है कि यह वैक्सीन मलेरिया के सबसे घातक प्रकार प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम के खिलाफ काम करती है, जो की पांच परजीवी प्रजातियों में से एक और सबसे घातक है.
मलेरिया के लक्षण
मलेरिया के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना और पसीना आना शामिल हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर दो मिनट में एक बच्चे की मलेरिया से मौत होती है.
इस टीके का उपयोग
मलेरिया को रोकने के लिए मौजूदा उपकरणों के शीर्ष पर इस टीके का उपयोग करने से हर साल हजारों युवाओं की जान बचाई जा सकती है. वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ कई टीके मौजूद हैं, लेकिन यह पहली बार है जब डब्ल्यूएचओ ने मानव परजीवी के खिलाफ व्यापक उपयोग के लिए एक टीके की सिफारिश की है.
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