मध्य प्रदेश का उज्जैन शहर अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है. अब इस शहर के नाम एक और उपलब्धि जुड़ने जा रही है. दुनिया की पहली 'वैदिक घड़ी' (Vedic Clock) की स्थापना उज्जैन शहर में की गयी है जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने 1 मार्च को किया.
इस वैदिक घड़ी की स्थापना सरकारी जीवाजी वेधशाला के निकट जंतर मंतर के भीतर 85 फुट के टॉवर पर स्थापित किया गया है. वैदिक घड़ी को बनाने वाली टीम के सदस्य शिशिर गुप्ता ने बताया, ''दुनिया की पहली वैदिक घड़ी उज्जैन में बने 85 फुट ऊंचे टॉवर पर स्थापित की गई है.
राज्य के मुख्यमंत्री ने वैदिक घड़ी की स्थापना में अहम भूमिका निभाई है. इस घड़ी की आधारशिला 6 नवंबर, 2022 को तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री और वर्तमान राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रखी थी.
दुनिया की पहली वैदिक घड़ी:
उज्जैन में स्थापित की गयी यह वैदिक घड़ी वैदिक हिंदू पंचांग, ग्रहों की स्थिति, मुहूर्त, ज्योतिषीय गणना, भविष्यवाणियों से संबंधित जानकारी प्रदर्शित करेगी. यह घड़ी भारतीय मानक समय (आईएसटी) और ग्रीनविच मीन टाइम (जीएमटी) भी बताएगी.
वैदिक घड़ी की क्या है खासियत:
इस घड़ी की एक खास बात यह भी है कि यह समय की गणना एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय तक की अवधि के आधार पर करती है. यह नक्षत्र, धूमकेतु, कालग्रहण, संचार, परिभ्रमण, तिथि वार, नक्षत्र, योग आदि की जानकरी उपलब्ध करायेगी.
यह घड़ी दो सूर्योदयों के बीच की समयावधि को आईएसडी के अनुसार 30 भागों में विभाजित करती है. समय की गणना 0:00 बजे से सूर्योदय के साथ 30 घंटे (48 मिनट का एक घंटा) के लिए शुरू होगा.
यह घड़ी वैदिक हिंदू पंचांग से 30 मुहूर्त, तिथि और विभिन्न अन्य समय के बारें में भी बताएगी. इसकी बारें में जानकारी देते हुए महाराजा विक्रमादित्य शोध संस्थान के निदेशक ने बताया कि ''यह दुनिया की पहली घड़ी होगी जिसमें भारतीय समय की गणना प्रदर्शित की जाएगी''.
इस वैदिक घड़ी के लिए एक एप्लिकेशन भी तैयार किया गया है जिसकी मदद से मोबाइल, एलईडी, स्मार्ट टीवी, टैब में भी इसे इंस्टाल करके देखा जा सकता है.
उज्जैन शहर का महत्व:
महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन का पूरी दुनिया में काफी महत्व है. इस शहर को काल गणना का केंद्र भी माना जाता है. इस शहर से होकर कर्क रेखा भी गुजरती है. उज्जैन शहर को मंगलग्रह का जन्म स्थान भी माना जाता है. विक्रम संवत की शुरुआत भी इसी शहर से हुई है जिससे कैलेंडर और मुहूर्त का संचालन किया जाता है.
वैदिक घड़ी की स्थापना से इस शहर का महत्व और भी बढ़ जाता है. ऐतिहासिक रूप से, 300 साल पहले विश्व के मानक समय के निर्धारण में उज्जैन शहर का अहम योगदान रहा है.
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