संयुक्त राष्ट्र द्वारा (यूएन) द्वारा 21 फरवरी 2017 को यह घोषणा की गयी कि यमन में मौजूदा संकट लगातार गहरा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र ने यह भी कहा कि लगभग 10 लाख लोग जिन्होंने सुरक्षा कारणों से यमन स्थित अपने घरों को छोड़ दिया था, वे भी अपने घरों को लौट रहे हैं. हालांकि यह भी स्पष्ट किया गया कि उन्हें आय की कमी, आधारभूत सेवाओं की गैर-मौजूदगी तथा अन्य कारणों के चलते जोखिम के बीच लौटना पड़ रहा है.
इस संदर्भ में जारी बहु-क्षेत्रीय आकलन रिपोर्ट एवं अद्यतन आबादी विस्थापन ट्रैकिंग रिपोर्ट की गयी. इसमें बताया गया कि यमन में विस्थापितों की संख्या लगभग 20 लाख है जबकि लगभग 10 लाख लोग वापिस आ गये हैं.
मुख्य बिंदु
• घरेलू स्थानों पर विस्थापित हुए लगभग 40 प्रतिशत लोग अगले तीन माह में अपने घरों को लौट आयेंगे.
• इन लोगों ने जिन स्थानों पर जाकर शरण ली उन्हें वहां आय की कमी, भूख तथा आधारभूत सुविधाओं की कमी के कारण वह स्थान भी छोड़ने पड़े.
• यमन के स्थानीय समुदाय भी पर्याप्त भोजन की कमी, पानी की कमी तथा साफ़-सफाई की कमी के कारण भीषण समस्या से जूझ रहे हैं.
• देश में 20 लाख लोग एक वर्ष से भी अधिक समय के लिए विस्थापित जीवन जीने को मजबूर हुए.
• लगभग 17 मिलियन लोगों को एक वक्त का भोजन नहीं मिलता. लगभग 7 मिलियन लोगों को एक बार भोजन करने मिलने के पश्चात अगले समय का भोजन मिलने की आशा नहीं होती.
• बाजारों में भोजन की उपलब्धता और खाद्य पाइपलाइन से संबंधित जोखिम तेजी यमन में बढ़ रहा है.
• देश में खाद्य सामग्री तथा तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं.
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