अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने 10 फरवरी 2014 को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया. आईओसी के इस निर्णय से भारत अब ओलंपिक खेलों में भाग ले सकता है. आईओसी ने यह निर्णय भारतीय ओलंपिक संघ में 9 फरवरी 2014 को हुए चुनावों के बाद हटाया गया. विदित हो कि आईओसी ने आईओए में चुनाव किये जाने तक के लिए भारतीय ओलंपिक संघ को निलंबित कर दिया था.
केंद्रीय खेल मंत्रालय भी आईओसी के दबाव में उसके प्रावधानों का समर्थन कर रही थी तथा आईओए के चुनाव कराये जाने के साथ-साथ, इस दौरान दोषी उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था. आईओए के चुनाव कराये जाने के परिणामस्वरूप, नरायण रामचंद्रन को भारतीय ओलंपिक संघ का नया अध्यक्ष चुना गया.
भारतीय खिलाड़ी सोची (रूस) विंटर ओलंपिक में बिना भारतीय झण्डे के भाग ले रहे हैं. हालांकि, इस निर्णय के बाद आईओसी के प्रावधानों को अपनाये जाने के लक्ष्य की पूर्ति हो पाएगी, अर्थात विंटर ओलंपिक की समापन समारोह के दौरान भारतीय खिलाड़ी भी अपना झण्डे फहरा पायेंगे. आईओए के निर्णय से भारतीय एथलीट ग्लासगो में होने वाले कॉमनवेल्थ खेलों तथा एशियाई खेलों में एक बार फिर प्रतिनिधित्व कर पायेंगे.
पृष्ठभूमि
एक आरोपी को आईओए का महासचिव व अध्यक्ष बनाये जाने, ओलंपिक प्रावधानों को पालन न किये जाने और आईओए में कथित भ्रष्टाचार के कारण आईओसी ने भारत की भागीदारी निलंबित कर दी थी. ओलंपिक के इतिहास में यह पहला अवसर था जबकि किसी राष्ट्र की ओलंपिक समिति को किसी ओलंपिक खेल के दौरान निलंबित किया गया हो. सोची (रूस) विंटर ओलंपिक में भारतीय एथलीट भारतीय झण्डे के बजाय ओलंपिक झण्डे के तहत भाग लिये.
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