अक्षय ऊर्जा (सौर ऊर्जा) के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ को फरवरी 2015 के तीसरे सप्ताह में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में छत्तीसगढ़ सरकार के ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह को दिया.
छत्तीसगढ़ को यह पुरस्कार वैश्विक अक्षय ऊर्जा के विकास के लिए आयोजित रि-इंवेस्ट कार्यक्रम में दिया गया. उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार को यह राष्ट्रीय पुरस्कार 13 वें वित्त आयोग के निर्धारित मानकों के अनुसार दिया गया. कार्यक्रम में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल और केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण सहित अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में काम कर रहे देश-विदेश के अनेक विशेषज्ञ और उद्यमी उपस्थित थे.
विदित हो कि छत्तीसगढ़ में ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को बढ़ावा देने की योजनाओं के तहत प्रदेश में रूफ-टॉप ऑफ ग्रिड सोलर एनर्जी के 45 मेगावाट के संयंत्र लगाए गए हैं, जिन्हें देश में सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के लगभग 600 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, 100 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, 350 पुलिस थाना भवनों और लगभग 1800 आदिवासी छात्रावासों तथा प्रदेश के सभी 27 जिलों के कलेक्टरेट में वैकल्पिक बिजली की सुविधा के रूप में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं. प्रदेश के दूरदराज इलाकों में स्थित लगभग 1700 गांवों को भी सौर ऊर्जा से विद्युतीकृत किया गया है. ऐसे गांवों में पेयजल के लिए 3000 और सिंचाई के लिए 1500 सौर ऊर्जा आधारित पम्प लगाए गए हैं. जिसका क्रम जारी है.
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