7 फरवरी 2010 को उड़ीसा के व्हीलर द्वीप से उड़ान भरने और 3500 कि.मी. दूर बंगाल की खाड़ी में लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदकर अग्नि-III अब सेना में भर्ती होने के लिए तैयार पाया गया. यह मिसाईल अब तक भारतीय सेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान के तीन परीक्षणों में सफल रहा है.
800 सेकेंड की अपनी यात्रा में मिसाईल 350 कि.मी. की ऊँचाई तक पहुंचा और वातावरण में वापसी पर 3000 डिग्री सेल्सियस के तापमान को भी बर्दाश्त किया. ज्ञातव्य हो कि वर्ष 2006 में इस मिसाईल का प्रथम परीक्षण असफल रहा था.
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