लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी अचारी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों की समिति ने 6 अक्टूबर 2015 को विधानसभा स्पीकर रामनिवास गोयल को अपनी रिपोर्ट सौंपी, यह समिति दिल्ली के विधायकों के वेतन संबंधित सिफारिशों के लिए बनाई गयी थी. इसके दो अन्य सदस्य हैं, के वी प्रसाद एवं बलराज मलिक.
इनके द्वारा तैयार 21 पेजों की रिपोर्ट में विधायकों के बेसिक वेतन में 400 प्रतिशत बढ़ोतरी करने की सिफारिश की गयी है. इन सिफारिशों के अनुसार विधायकों की बेसिक सैलरी 12,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने की सिफारिश की गयी है. इसके अतिरिक्त विधायकों के मिलने वाले विभिन्न भत्तों में भी बढ़ोतरी की मांग की गयी है.
कुल मिलाकर, सिफारिशों में 138 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग की गयी है.
रिपोर्ट की विशेषताएं
• एक विधायक के मासिक वेतन एवं भत्तों को मिलाकर कुल आय 88,000 रुपये से बढ़ाकर 2.10 लाख रुपये करने की सिफारिश की गयी है.
• वर्तमान में मिल रहे 30,000 रुपये के सचिवीय, अनुसंधान और कार्यालय सहायता के भत्ते को 70,000 रुपये प्रतिमाह की सिफारिश की गयी है.
• विधायकों को ऑफिस स्पेस और सरकारी एजेंसियों द्वारा उपलब्ध कराई गई अन्य आवश्यक सुविधाओं पर होने वाले व्यय को पूरा करने और संबंधित सेवाओं के लिए 25,000 रुपये भत्ते की सिफारिश की गयी.
• विधायक के लिए कम्युनिकेशन भत्ता 10,000 रुपये एवं 30,000 मासिक यात्रा भत्ता भी दिए जाने की सिफारिश की गयी.
• प्रतिदिन भत्ता 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये करने की सिफारिश की गयी है.
• समिति की सिफारिशों के अनुसार विधायक को ऑफिस रखरखाव भत्ता 1 लाख रूपए, ऑफिस सामान खरीदने के लिए 60,000 रुपये एवं 12 लाख रुपये का वाहन लोन दिया जाना चाहिए, अभी यह लोन 4 लाख रुपये है.
• मासिक पेंशन 7,500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये किये जाने की सिफारिश की गयी है. इस राशि में सदस्यता के प्रथम वर्ष में एवं प्रत्येक एक वर्ष बाद 1,000 रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी की जानी चाहिए.
• मृतक विधायक के परिवार को दी जाने वाली पेंशन के बारे में भी सिफारिश की गयी है. इसे विधायक को दी जाने वाली पेंशन का 50 प्रतिशत रखने की सिफारिश की गयी है.
• विधायक को प्रतिवर्ष 3 लाख रुपये यात्रा प्रतिपूर्ति दिये जाने की सिफारिश की गयी है.
• इसमें नये वेतन और भत्ते के लागू होने पर हर 12 महीने बाद 5,000 रुपये की बढ़ोतरी की सिफारिश की गयी.
समिति की यह सिफारिशें विधानसभा की वेतन समिति के पास विचार के लिए भेजी जाएगी. इसके बाद यदि सरकार इसे स्वीकार कर लेती है तो यह प्रभाव में आएगी.
पृष्ठभूमि
जुलाई 2015 में, आप (आम आदमी पार्टी) के कुछ विधायकों ने यह कहते हुए वेतन वृद्धि की मांग की थी कि उनका वेतन उनके परिवार एवं सरकारी कार्यों के लिए पर्याप्त नहीं है.
इससे पहले शीला दीक्षित सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2011 में विधायकों के वेतन में 100 प्रतिशत वृद्धि की गयी थी.
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