एशिया की सबसे बड़े दूध ब्रांड अमूल ने 14 मई 2014 को वाराणसी में एक डेयरी प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की घोषणा की. संयंत्र प्रारंभ में प्रति दिन पांच लाख लीटर उत्पादन करेगा जिसको दोगुना करने की कोशिश की जाएगी.
पालनपुर स्थित बनास डेयरी संयंत्र की स्थापना 200 करोड़ रुपये के निवेश के साथ की जाएगी. बनास डेयरी अमूल के बाजार में गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के संघ की एक सदस्य है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वाराणसी में अमूल को 30 एकड़ जमीन देने की पेशकश की.
वाराणसी के अलावा, बनास डेयरी ने कानपुर तथा लखनऊ में दोनो स्थान पर 200 करोड़ रु. के निवेश के साथ प्रत्येक डेयरी प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने के लिए क्रमश: 40 एकड़ और 20 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया. वाराणसी प्लांट की तरह, कानपुर और लखनऊ दोनों प्लांट की प्रति दिन की उत्पादक क्षमता प्रति दिन पांच लाख लीटर होगी जिसे बढाकर 10 लाख लीटर किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश में इन तीन स्थानों पर डेयरी संयंत्र की स्थापना उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार द्वारा डेयरी क्षेत्र को विकसित कार्यक्रम का एक हिस्सा है. अमूल दूध बाजार में सबसे पसंदीदा दूध ब्रांड है जो प्रदेश में वाराणसी सहित प्रति दिन 75000 लीटर दूध की खपत करता है. बनास डेयरी द्वारा अमूल मॉडल सहकारी समितियों के आधार पर उत्तर प्रदेश में स्थानीय स्तर पर दूध की खरीद शुरू होने से किसानों को उनके दूध के लिए बेहतर पारिश्रमिक मिल रहा है.
उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा दूध उत्पादक राज्य है जिसमें संगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी केवल एक लाख लीटर दूध प्रतिदिन है जो निजी कंपनियां द्वारा किसानों के शोषण का कारण है.
अमूल डेयरी
अमूल भारत के गुजरात राज्य में आनंद जिले में स्थित एक भारतीय सहकारी डेयरी, है. इसकी स्थापना वर्ष 1946 में गुजरात के आनंद में हुई थी. अमूल ने देश में श्वेत क्रांति को प्रेरित किया जिससे भारत को विश्व में दूध और दूध उत्पादों का सबसे बड़ा उत्पादक बना दिया. श्वेत क्रांति के जनक डॉ वर्गीज कुरियन को अमूल की सफलता का श्रेय दिया जाता है.
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