अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में रक्षा को बढ़ावा देने के लिए वियतनाम को हथियार बेचने के 40 वर्षों के प्रतिबंध को हटाया. इसकी घोषणा 3 अक्टूबर 2014 को की.
आंशिक रूप से प्रतिबंध हटाने का निर्णय अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी (John Kerry) और वियतनाम के उप प्रधानमंत्री फाम बिन्ह मिन्ह (Pham Binh Minh) के बीच वाशिंगटन में हुई बैठक के बाद किया गया. फाम बिन्ह मिन्ह, जो कि वियतनाम के विदेश मंत्री भी हैं, अमेरिका के दौरे पर हैं.
हथियारों की बिक्री पर प्रतिबंध आंशिक रूप से ही हटाया गया है और यह सिर्फ समुद्री सुरक्षा उद्देश्यों के लिए घातक और गैर– घातक हथियारों की आपूर्ति पर लागू होगा. टैंकों जैसे अन्य प्रकार के घातक हथियारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा रहेगा. ये प्रतिबंध 1975 में वियतनाम युद्ध के बाद लगाए गए थे.
यह निर्णय वियतनाम के मानवाधिकार रिकॉर्ड के क्षेत्र में सकारात्मक सुधार दिखाने के बाद किया गया है और प्रतिबंध पूरी तरह से तभी हटाया जाएगा जब इस क्षेत्र में वियतनाम अतिरिक्त प्रगति दिखाएगा.
इसके साथ ही, वियतनाम अब अपने समुद्री डोमेन जागरूकता और समुद्री सुरक्षा क्षमताओँ में सुधार करने में सक्षम होगा. इसके अलावा, वियतनाम समुद्री सुरक्षा गतिविधियों के संचालन के लिए रक्षात्मक क्षमताओं से लैस गश्ती नौकाओं को भी हासिल कर सकेगा.
विश्लेषण
प्रतिबंध को आंशिक रूप से हटाने का निर्णय दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में बढ़े तनाव के कारण किया गया है. इस कदम से चीन निश्चित तौर पर नाराज होगा क्योंकि उसका दक्षिण चीन सागर के आस– पास के देशों के साथ विवाद चल रहा है.
हालांकि, इससे मलेशिया और इस क्षेत्र के अन्य देश वियतनाम की क्षमताओं को बढ़ता देख खुश होंगे. हालांकि अमेरिका ने क्षेत्रीय विवादों का पक्ष नहीं लिया है, उसने बीजिंग को अस्थिर कार्रवाईयों की श्रृंखला के लिए चेतावनी दी है.
दक्षिण चीन सागर, जिसके द्वारा करीब 40 फीसदी समुद्री व्यापार होता है, पर वियतनाम, ताइवान, ब्रूनी और मलेशिया के साथ– साथ चीन और फिलीपीन्स ने अपना– अपना दावा किया है.
इसके अलावा मनोवैज्ञानिक तौर पर यह निर्णय अमेरिका और वियतनाम के रिश्तों में सुधार लाएगा.
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