फ्रांस की दो सदनों वाले नीचले सदन नेशनल असेंबली ने 9 फरवरी 2016 को आंतकवादी गतिविधियों के दोषी लोगों से उनकी फ्रांसीसी राष्ट्रीयता वापस लेने के लिए संविधान में संशोधन करने का प्रस्ताव पारित कर दिया.
नेशनल असेंबली ने संविधान में पासपोर्ट– स्ट्रिपिंग खंड शामिल करने के लिए मतदान किया. पक्ष में 148 के मुकाबले 162 वोट पड़े.
संविधान में बदलाव के लिए सरकार के प्रस्ताव को संसद के उपरी सदन,सीनेट, की मंजूरी और फिर दोनों ही सदनों के दो–तिहाई बहुमत की जरूरत होगी.
इससे पहले 9 फरवरी 2016 को संसद ने आपातकाल को और तीन महीने के लिए बढ़ाने के पक्ष में वोट डाला और पुलिस एवं सुरक्षा बलों की शक्ति बढ़ा दी.
पृष्ठभूमि
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रेकोइस ओलांद ने 13 नवंबर 2015 को पेरिस में इस्लामिक स्टेट टेरर ग्रुप (आईएसआईएस) द्वारा किए गए हमले जिसमें 130 लोगों की मौत हो गई थी, के बाद संविधान में बदलाव की लंबी प्रक्रिया शुरु की थी.
फ्रांसीसी नागरिकता वाले आंतक के दोषियों को हटाने के उपाय को जनता का जोरदार समर्थन मिला है लेकिन इसकी वजह से ओलांद की सत्तारूढ़ सोशलिस्ट पार्टी में फूट पड़ गई है.
क्रिस्टियन टूबीरा ने इसके विरोध में जनवरी 2016 में न्याय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और ओलांद के भूतपूर्व प्रधानमंत्री जीन–मार्क अयराल्ट ने सार्वजनिक रूप से इस संशोधन की निंदा की है.
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