इक्वाडोर ने गत 29 अगस्त 2014 को विश्व की पहली डिजिटल मुद्रा जारी करने की योजना का अनावरण किया. यह मुद्रा सेंट्रल बैंक ऑफ इक्वाडोर द्वारा जारी की जाएगी. नई मुद्रा को इक्वाडोर की संसद नेशनल असेंबली द्वारा जुलाई 2014 में मंजूरी दी गई थी.
अब तक का अभिनव प्रयोग मानी जा रही इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा दिसंबर 2014 से अस्तित्व में आ जाएगी. विदित हो इक्वाडोर में अब तक अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल किया जाता है. इक्वाडोर ने सन् 2000 में गंभीर वित्तीय संकट के बाद अमेरिकी डॉलर को अपनी मुद्रा के तौर पर मान्यता दी थी.
इस महत्वाकांक्षी योजना के मुताबिक, डिजिटल मुद्रा 2.8 इक्वाडोरवासियों की मदद करेगी और देश की 40 प्रतिशत इकॉनॉमी की हिस्सेदार भी, जो परंपरागत बैंकिंग को वहन नहीं कर सकते हैं. यह देश के गरीब नागरिकों की मोबाइल फोन तकनीक के द्वारा भुगतान प्राप्त करने में मदद करेगी, जोकि अफ्रीकी देशों में निजी कंपनियों द्वारा जारी मोबाइल भुगतान के समान हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि ई मनी के द्वारा देश में मुद्रा की आपूर्ति बढ़ाई जा सकेगी और देश में अमेरिकी डॉलर के उपयोग को हतोत्साहित किया जा सकेगा.
बिटकॉईन की तुलना में नई मुद्रा
नई ई-मुद्रा हूबहू बिटकॉईन जैसी नही होगी. इसमें बिटकॉईन की सीमित मात्रा होगी. आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को इसका इस्तेमाल मुद्रास्फीति को देखते हुए सावधानी पूर्वक करना होगा.
लोगों का ऐसा मानना है कि नई ई-मुद्रा क्रिप्टो करेंसी (बिटकॉईन) की तरह होगी. इसमें मुद्रा की मात्रा आवश्यकता पर निर्भर करेगी. विदित हो कि बिटकाईन एक वैश्विक ई-मुद्रा है, जिसमें विभिन्न विशेषज्ञ कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.
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