कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कर्मचारी भविष्य निधि व विविध प्रावधान कानून, 1952 के दायरे में आने वाले सभी नियोक्ताओं के लिए सर्वव्यापी खाता संख्या (यूएएन) 22 जून 2015 को अनिवार्य किया.
यूएएन सुविधा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 1 अक्तूबर 2014 को की गई थी. यूएएन एक ऐसी संख्या है जिसका इस्तेमाल कर्मचारी जीवन पर्यंत कर सकता है और नौकरी बदलने पर उसे पीएफ स्थानांतरण के लिए आवेदन नहीं करना पड़ेगा. औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए 25 अगस्त 2015 की समयसीमा निर्धारित की गई है.
ईपीएफओ ने जुलाई 2014 में खाताधारकों को चार करोड़ से अधिक यूएएन जारी किए और ये नंबर उसके बाद कर्मचारियों को उपलब्ध कराए गए और फिर इन्हें पैन, बैंक खातों और आधार नंबर के साथ जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई. लगभग 56.34 लाख कर्मचारियों ने अपने पोर्टेबल पीएफ खाता नंबरों को सक्रिय किया.
सभी खाताधारकों को अपने यूएएन नंबर को खाते में लॉग इन कर स्वयं चालू करना पड़ता है.
कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम 1952
कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 1952, भारतीय संसद के द्वारा पारित हुआ और 4 मार्च 1952 से प्रभाव में आया. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत वैधानिक निकाय है जिसका उद्देश्य कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत निर्धारित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का क्रियान्वयन करना है. इस योजना के अंतर्गत संस्था के कर्मचारियों को भविष्य निधि, पेंशन एवं बीमा संबंधी लाभ प्रदान किये जाते हैं. बीस या इससे अधिक कार्यरत कर्मचारियों वाले सभी संगठनों को भविष्य निधि खाता रखना आवश्यक है.
यह अधिनियम जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर भारत के सभी राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों में लागू है.
वर्तमान में मुख्य रूप से तीन योजनाओं का संचालन इस अधिनियम के द्वारा होता है.
• कर्मचारी भविष्य निधि योजना - 1952
• कर्मचारी जमा लिंक बीम योजना - 1976
• कर्मचारी पेंशन योजना – 1995
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