रामगढ़, अलवर (राजस्थान): उप-राष्ट्रपति एम हामिद अंसारी ने रामगढ़, अलवर (राजस्थान) में आईटीबीपी के सेन्ट्रल प्रशिक्षण कालेज की आधारशिला रखी.
भारत के उप-राष्ट्रपति एम हामिद अंसारी ने रामगढ़, अलवर (राजस्थान) में अर्ध-सैनिक बल भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के सेन्ट्रल प्रशिक्षण कालेज की आधारशिला 25 अगस्त 2013 को रखी.
इस अवसर पर उप-राष्ट्रपति ने कहा कि इस बल का प्रमुख दायित्व जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक देश की उत्तरी सीमाओं की रक्षा करना है. लेकिन हाल के वर्षों में आईटीबीपी के कार्यक्षेत्र का विस्तार हुआ है और इस बल ने विभिन्न प्रकार के दायित्वों का निर्वाह करते हुए एक बहु-आयामी यूनिट के रूप में अपने को विकसित किया. इसने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी सराहनीय कार्य किया. आईटीबीपी के प्रशिक्षित कार्मिकों ने विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में विभिन्न आपदाओं की स्थिति में अनेक राहत और बचाव कार्यों को प्रभावशाली ढंग से अंजाम दिया.
सेन्ट्रल प्रशिक्षण कालेज का लाभ
सेन्ट्रल प्रशिक्षण कालेज द्वारा आईटीबीपी के जवानों की अत्याधुनिक प्रशिक्षण की जरूरतें पूरी की जानी है और आने वाले वर्षों में यह बल अधिक मुस्तैदी के साथ अपने दायित्वों का निर्वाह कर सकेगा. आईटीबीपी के इस प्रशिक्षण केंद्र से अलवर और आस-पास के क्षेत्रों के लोगों को भी भारी लाभ पहुंचेगा और इससे क्षेत्र के विकास में मदद प्राप्त होनी है.
इसके अलावा उप-राष्ट्रपति ने अलवर में भवानी टोप में पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया. उन्होंने अलवर में ही मोती दुंगारी में महाराजा जयसिंह की प्रतिमा का भी अनावरण किया.
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी)
भारत -तिब्बत सीमा पुलिस का गठन 24 अक्टूबर 1962 को काराकोरम दर्रे से लिपुलेख दर्रे और भारत-नेपाल-चीन त्रिसंगम तक फैली 2115 की. मी.लंबी भारत-तिब्बत सीमा की सुरक्षा हेतु किया गया. वर्ष 1978 में बल का पुनर्घटन किया गया. भारत -तिब्बत सीमा पुलिस का गठन आरम्भ में के.रि.पु. बल अधिनियम के तहत हुआ था किंतु संसद द्वारा वर्ष 1992 में भारत -तिब्बत सीमा पुलिस बल अधिनियम पारित किया गया और उसके तत्वावधान में वर्ष 1994 में नियम बनायें गए. यह एक बहु-आयामी बल है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation