भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण (एएसआई) ने 20 फरवरी 2014 को भारतीय विरासत स्थलों के 360 डिग्री ऑनलाइन व्यू के लिए गूगल के साथ समझौता किया. इसका उद्देश्य अधिक गतिशील ऑनलाइन अनुभव प्रदान करना है ताकि भारत और दुनिया के लोग भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत के साथ अधिक से अधिक जुड़ सकें.
प्रोजेक्ट के पहले भाग में देश भर के 30 धरोहर स्थलों को गूगल के स्ट्रीट व्यू ट्रिक्कर के जरिए मैप किया गया है. स्ट्रीट व्यू ट्रिक्कर के जरिए दर्शक उस धरोहर स्थल की कदम–दर–कदम आभासी यात्रा कर सकेंगे.
जिन भारतीय धरोहरों को मैप किया गया है वे हैं– ताज महल, रायगढ़ किला, नागार्जुन कोंडा, बौद्ध स्तूप, फतेहपुर सीकरी, कुतुब मीनार, हुमायूं का मकबरा, लाल किला, आगा खान पैलेस, आगरा का किला और अन्य.
ये तीस समारक गूगल की सांस्कृतिक संस्थान के हिस्से वर्ल्ड वंडर्स साइट और गूगल मैप्स के दर्शकों के लिए उपलब्ध होगा.
अक्टूबर 2013 में गूगल ने केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय और एएसआई के साथ मिलकर भारत के 100 विरासत स्थलों की नयनाभिराम छवि को कैमरे में कैद करने की अपनी परियोजना की घोषणा की थी. इस समझौते के तहत गूगल ने स्ट्रीट व्यू ट्रेक्कर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर पहली बार भारत के लिए आभासी वॉकथ्रू एप्लिकेशन बनाया.
स्ट्रीट व्यू ट्रिक्कर टेक्नोलॉजी के बारे में
स्ट्रीट व्यू ट्रिक्कर टेक्नोलॉजी के की शुरुआत 2012 में हुई थी. इसमें स्ट्रीट व्यू कैमरा प्लेटफॉर्म होता है जिसमें 15 कैमरों का इस्तेमाल किया जाता है. ये कैमरे आसपास के इलाके का 360 डिग्री व्यू को कैद करते हैं. यह पहनने योग्य बैगपैक पर मुहिम के तौर पर शुरु की गई थी और कुल यूनिट का वजन करीब 20 किलो होता है. ऑपरेटर पैदल मार्गों पर चलता है और पैदल उस स्मारक तक पहुंचने के लिहाज से डिजाइन किया जाता है.
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