मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में भारतीय मूल की वैज्ञानिक संगीता भाटिया को 26 अप्रैल 2015 को वर्ष 2015 का हेंज प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था और रोजगार पुरस्कार प्रदान किया गया. यह पुरस्कार 1993 से प्रतिवर्ष दिया जाता है. यह 20वां हेंज पुरस्कार था.
संगीता को टिश्यू इंजीनियरिग और रोग नियंत्रण के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने के लिए सम्मानित करने का फैसला किया गया. उनकी टीम ने कृत्रिम माइक्रोलीवर के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी, जिनका इस्तेमाल दवाओं के परीक्षण में किया जाता है.
संगीता वर्तमान में माइक्रोलिवर के जरिये मलेरिया संक्रमण को रोकने पर काम कर रही हैं.
20वें हेंज पुरस्कार के अन्य विजेता
श्रेणी | विजेता |
---|---|
कला और मानविकी वर्ग | रोज़ चेस्ट (इलस्ट्रेटर और विपुल कार्टूनिस्ट) |
पर्यावरण श्रेणी | डा. फ्रेडरिका परेरा |
मानवीय स्थिति | विलियम मेकन्लटी और जैकब वुड |
पब्लिक पालिसी | डा. हारून वुल्फ (ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर) |
हेंज सम्मान प्रतिवर्ष हेंज फैमिली फाउंडेशन के द्वारा कला, मानवीय कार्यों, पर्यावरण, मानवीय स्थिति, सार्वजनिक नीति, प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था और रोजगार के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए दिया जाता है. इसकी शुरुआत वर्ष 1993 में की गई. हेंज पुरस्कार के तहत 250000 डॉलर प्रति व्यक्ति नकद राशि और दिवंगत सीनेटर जॉन हेंज की तस्वीर वाला पदक भेंट किया जाता है.
यह पुरस्कार हर वर्ष उन लोगों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने कला एवं मानविकी, पर्यावरण, मानव पारिस्थितिकी, लोक नीति और प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था एवं रोजगार में उल्लेखनीय योगदान दिया हो.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation