ऑस्ट्रिया ने 23 जून 2015 को यूरोपियन कमीशन द्वारा हिन्क्ले प्वाइंट सी परमाणु बिजली परियोजना को मंजूरी देने के खिलाफ यूरोपीय नयायालय में कानूनी शिकायत दर्ज करने का फैसला किया.
याचिका 29 जून 2015 को दायर किए जाने की उम्मीद है.
अक्टूबर 2014 में यूरोपियन कमीशन ने इस परियोजना के निर्माण तथा संचालन लिए ब्रिटिश सरकार को 35 वर्ष के लिए 17 बिलियन ब्रिटिश पाउंड की सब्सिडी प्रदान की थी.
गैर-परमाणु ऊर्जा राज्य ऑस्ट्रिया निम्नांकित कारणों से इस परियोजना का विरोध कर रहा है
परियोजना को स्वीकृति देते समय आवश्यक तथ्यों को ध्यान में नहीं रखा गया है.साथ ही इस परियोजना को ब्रिटेन द्वारा दी जाने वाली सहायता अवैध है.
परमाणु ऊर्जा प्रौद्योगिकी का एक स्थायी रूप नहीं है.ना तो पर्यावरण के दृष्टिकोण से और ना ही आर्थिक दृष्टिकोण से.
परमाणु ऊर्जा के लिए किसी भी तरह की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयता को प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए.प्रदूषण भुगतान सिद्धांत पर आधारित सभी बाह्य लागतों का पूरी तरह समावेशन किया जाना चाहिए.
ऑस्ट्रिया इस बात से बिलकुल सहमत नहीं है कि परमाणु ऊर्जा यूरोपीय कोष (EFSI) के लिए रणनीतिक निवेश की पात्रता का आधार हो सकता है.
ऑस्ट्रिया के इस मत का यूरोपीय संघ के एक अन्य परमाणु मुक्त राज्य लक्समबर्ग द्वारा समर्थन किये जाने की उम्मीद है.
हिन्क्ले प्वाइंट सी परमाणु बिजली परियोजना से सम्बंधित तथ्य
इस परियोजना के तहत दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड के समरसेट में दो परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जाएगी.
दो रिएक्टरों में बिजली की कुल 3.3 गीगावॉट उत्पादन किया जायेगा.
इसका निर्माण दो चीनी कंपनियों सीजीएन एवं सीएनएनसी तथा फ्रेंच ऊर्जा फर्म ईडीएफ द्वारा लगभग 24.5 बिलियन यूएस डॉलर के खर्च से किया जायेगा.
इसमें पहली बार यूरोपीय प्रेशराइज्ड रिएक्टर (EPR) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. अभी मात्र तीन देशों फ्रांस, फिनलैंड और चीन में चल रही परियोजनाओं में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा.
इसका संचालन 2023 में किया जाएगा.
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