सर्वोच्च न्यायालय ने कावेरी जल विवाद मामले में कर्नाटक को 5 दिसंबर 2012 को निर्देश दिया कि वह कावेरी नदी से प्रतिदिन 10 हजार क्यूसेक पानी पड़ोसी राज्य तमिलनाडु को प्रदान करे. सर्वोच्च न्यायालय ने कावेरी निगरानी समिति को तुरंत बैठक करके दोनों राज्यों के लिए पानी की मात्रा तय करने का भी निर्देश दिया. यह निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायामूर्ति डीके जैन और न्यायाधीश न्यायामूर्ति मदन बी लोकुर की पीठ ने दिया.
पीठ ने निर्देश दिया कि कावेरी निगरानी समिति की रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत होने तक यह अंतरिम आदेश जारी रहेगा. पीठ के अनुसार हमारी प्राथमिक चिंता पानी की कमी से नष्ट हो रही फसलों को बचाने की है. इसके साथ ही केंद्र सरकार से पीठ ने पूछा कि उसने कावेरी जल विवाद प्राधिकरण के अंतिम आदेश को अधिसूचित क्यों नहीं किया.
तमिलनाडु ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक में चुनाव को देखते हुए केंद्र उस पर दबाव नहीं डालना चाहता. प्रारंभिक सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बैठक कर सर्वमान्य हल निकालने का सुझाव दिया था, लेकिन न्यायालय का यह प्रयास विफल रहा था.
कावेरी नदी
कावेरी नदी भारत की एक अंतरराज्यीय नदी है. कर्नाटक और तमिलनाडु कावेरी घाटी में पड़ने वाले प्रमुख राज्य हैं. कावेरी घाटी का एक भाग केरल में भी है और समुद्र में मिलने से पहले कावेरी नदी कराइकाल से होकर गुजरती है जो पांडिचेरी का भाग है. कावेरी नदी के जल के बंटवारे को लेकर राज्यों में विवाद है.
कर्नाटक ने तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का जल छोड़ा...
कर्नाटक कावेरी नदी से रोजाना 10 हजार क्यूसेक पानी तमिलनाडु को देने को तैयार...
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