विश्व के दो सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जक देश, अमेरिका और चीन के बीच कार्बन उत्सर्जन रोकने हेतु 12 नवंबर 2014 को बीजिंग (चीन) में एक समझौता हुआ. इस समझौते के तहत दोनों देश ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को सीमित करने के लिए कड़े कदम उठाएंगे. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने वर्ष 2020 तक पर्यावरण में बदलाव को रोकने के लिए इस समझौते पर हस्ताक्षर किये.
चीन एवं अमेरिका के बीच हुए समझौते के मुख्य बिंदु
• समझौते के तहत अमेरिका वर्ष 2025 तक गैसों के उत्सर्जन में 26 से 28 प्रतिशत की कमी करके इसे वर्ष 2005 के स्तर पर ले आएगा.
• चीन ने कहा है कि वह कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन वर्ष 2030 तक कम कर लेगा. इस लक्ष्य को जल्दी पाने के लिए चीन वर्ष 2030 तक गैर जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करेगा.
विदित हो कि वर्ष 2012 में हुए सर्वे के अनुसार जीवाश्म ईंधन से होने वाले प्रदूषण में चीन का 27 प्रतिशत, अमेरिका का 14 प्रतिशत, यूरोपीय संघ का 10 प्रतिशत और भारत का सिर्फ 6 प्रतिशत योगदान है.
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