केंद्र सरकार द्वारा 14 सितंबर 2015 को लिए गए निर्णय के अनुसार वित्तीय वर्ष 2015-16 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना के तहत सूखाग्रस्त क्षेत्रों में अकुशल कामगारों को नियमित काम के अतिरिक्त 50 दिन का काम प्रदान किया जाएगा. यह काम उन गरीब किसानों को राहत देने के लिए प्रदान किया जाएगा, जो देश के विभिन्न भागों में कम मानसूनी वर्षा के कारण प्रभावित हुए हैं.
वर्तमान में मनरेगा के तहत ग्रामीण जॉब कार्ड धारकों को सूखा या प्राकृतिक आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में 100 दिनों का काम दिया जाता है. राज्य सरकारों से परामर्श के बाद सूखा प्रभावित क्षेत्र को अधिसूचित किया जाएगा.
देश भर में मानसूनी वर्षा 16 प्रतिशत कम होने के बाद यह निर्णय लिया गया. मानसून में कमी खरीफ की फसल और ग्रामीण आय को प्रभावित कर सकती है.
केंद्र सरकार का यह कदम राज्य सरकारों को सूखा प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण गरीबों को अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराने की अनुमति देगा.
इससे पहले सरकार ने किसानों की खड़ी फसलों को बचाने में मदद करने के लिए डीजल सब्सिडी योजना की घोषणा की थी. इसके साथ ही सरकार ने यह भी घोषणा की कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में बागवानी फसलों को फिर से जीवंत करने के लिए मृदा जल प्रतिबल के लिए उपयुक्त इनपुट उपाय किए जाएं.
यह भी निर्णय लिया गया कि सूखाग्रस्त ब्लॉकों में पशुधन पर सूखे के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए चारे के उत्पादन हेतु अतिरिक्त उपायों के लिए सहायता प्रदान की जाय.
इसके अलावा केंद्र सरकार ने 600 जिलों में फसल आपात योजना के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और अन्य केंद्र प्रायोजित योजनाओं को लचीला बना दिया है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation