आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने कृषि सहयोग में केंद्रीय क्षेत्र की समन्वित योजना के कार्यान्वयन को 13 दिसंबर 2013 को मंजूरी प्रदान की. इस पर 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 920.088 करोड़ रुपये का खर्च आना है.
इस योजना में 11वीं पंचवर्षीय योजना की दो पूर्व योजनाओं- राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) एवं सहकारी शिक्षा एवं प्रशिक्षण के लिए केन्द्रीय क्षेत्र की योजना को शामिल किया गया.
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी)
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (National Cooperative Development Corporation) सहकारिताओं के विकास के लिए कार्यक्रम में सहायता के लिए पुनर्गठित केन्द्रीय क्षेत्र की योजना है. राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (रासविनि) की स्थापना वर्ष 1963 में संसद के एक अधिनियम द्वारा कृषि मंत्रालय के अंतर्गत एक सांविधिक निगम के रुप में की गई थी. इसका उद्देश्य सहकारिता आंदोलन को बढ़ाना है.
सहकारी शिक्षा एवं प्रशिक्षण हेतु केन्द्रीय क्षेत्र की योजना
सहकारी शिक्षा एवं प्रशिक्षण के लिए केन्द्रीय क्षेत्र की योजना का उद्देश्य उद्देश्य सहकारी क्षेत्र में प्रबंधन के विभिन्न स्तरों पर काम कर रहे पेशेवरों की प्रबंधकीय क्षमताओं में सुधार करना है. इसकी मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं.
• भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआइ) को सहायता.
• सहकारी प्रशिक्षण की राष्ट्रीय परिषद (एनसीसीटी) को सहायता.
• शुल्क भुगतान किए गए सामान पर कस्टम शुल्क की प्रतिपूर्ति.
इन दोनों योजनाओं के लिए वित्तीय सहायता क्रमश: 802 करोड़ रूपए तथा 118.088 करोड़ रूपए प्रदान की गई. इसके लिए भारत सरकार 100% अनुदान-सहायता प्रदान करती है.
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