केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 6000 करोड़ की पूंजी वृद्धिकरण का प्रस्ताव 1 दिसंबर 2010 को पारित किया. कैबिनेट के इस निर्णय से 10 सरकारी बैंकों में केंद्र की मौजूदा हिस्सेदारी 51 फीसदी से बढ़कर 58 फीसदी हो जाएगी. यह पूंजी वृद्धिकरण वित्तीय वर्ष 2010-11 के बजट में दी गई 15000 करोड़ रु. की वित्तीय सहायता के अलावा है. पूंजी वृद्धिकरण का लाभ इलाहाबाद बैंक, विजया बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), आंध्रा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, देना बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और ओरियंटल बैंक को मिलना है.
केंद्र सरकार ने कृषि, मझोली व लघु औद्योगिक इकाईयों, निर्यात क्षेत्र आदि को ज्यादा कर्ज मुहैया कराने हेतु सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी वृद्धिकरण का निर्णय लिया. इससे रोजगार सृजन और आर्थिक विकास दोनों को बल मिलने की उम्मीद है.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुछ वर्षों से शेयर बाजार में उतरने के कारण उनमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी घट कर 51 फीसदी हो चुकी है. कानूनन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 51 फीसदी से कम नहीं हो सकती.
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