केंद्र सरकार ने कंपनी के खुदरा विक्रेय केंद्रों (कोको), सरकारी तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के जरिए 5 किग्रा वाले रसोई गैस सिलेंडर बेचने की उन्मुक्त व्यापार एलपीजी (एफटीएल) योजना को 24 जुलाई 2013 को मंजूरी दी.
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री डॉ एम विरप्पा मोइली ने इस योजना को शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की.
योजना का उद्देश्य
यह निर्णय इस तथ्य को ध्यान में रखकर किया गया है कि बीते कुछ वर्षों के दौरान खासकर बड़े शहरों में एक नई किस्म के उपभोक्त पैदा हो गए है जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर आते-जाते रहते है और इस प्रकार उन्हें रसोई गैस के स्थाई कनेक्शन की आवश्यकता नहीं होती. लेकिन उन्हें अपनी जरूरत पूरी करने के लिए रसोई गैस की आवश्यकता होती है. इस प्रकार के उपभोक्ताओं को अपनी सुविधा के अनुसार रसोई गैस के सिलेंडरों की आवश्यकता पड़ती है और उनकी जरूरत कम मात्रा के रसोई गैस सिलेंडरों से पूरी हो जाती है.
योजना से संबंधित मुख्य तथ्य
• यह योजना प्रयोग के तौर पर दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई, कोलकाता और बंगलूरू में शुरू की जानी है.
• सिलेंडरों को खुदरा विक्रेय केंद्रों (कोको) द्वारा 5 किग्रा वाले रसोई गैस के सिलेंडर रेगुलेटरों (डीपीआर) के साथ अथवा उसके बगैर बेचे जाने हैं. ओएमसी के कोको बिक्री केंद्र सभी की पहुंच में है और देर तक खुले रहते है.
• इस योजना के अधीन बेची जाने वाली रसोई गैस उन्मुक्त व्यापार रसोई गैस (एफटीएल) कहलाएगी.
• उपभोक्ताओं को शुरू में गैस प्राप्त करने के लिए मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पेन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पास बुक, कर्मचारी पहचान पत्र, पासपोर्ट, छात्र पहचान पत्र अथवा कोई अन्य ऐसा दस्तावेज देने की आवश्यकता होगी जिससे उसकी पहचान हो सके.
• सिलेंडर ले जाते समय कोई दुर्घटना होने की स्थिति में कंपनी किसी प्रकार की क्षति के लिए जिम्मेंदार नहीं होगी. लेकिन अनुरोध करने पर ओएमसी बीमा योजना की पेशकश करेगी जिसमें उपभोक्ता के परिसर में रसोई गैस से होने वाली जान-माल की क्षति से सुरक्षा का प्रावधान निर्धारित है.
• तेल विपणन कंपनियों द्वारा इस योजना को कार्यान्वित करते समय ओआईएसडी और पीईएसओ द्वारा निर्धारित सुरक्षा संबंधी सभी मार्ग-निर्देशों पर अमल किया जाना है.
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